ऑनलाईन पढाई ने बढाया अभिभावकों का खर्च
मोबाईल, टैब व इंटरनेट हेतु 20 से 25 हजार रूपयों का करना पडा प्रावधान
अमरावती/दि.5 – कोविड संक्रमण काल के दौरान शिक्षा क्षेत्र में पूरी तरह से बदलाव हो गया है और संक्रमण न बढे इस हेतु शालेय शिक्षा के क्षेत्र में मोबाईल व कंप्यूटर आधारित ऑनलाईन पढाई पर जोर दिया जा रहा है. जिसकी वजह से अभिभावकों को नये-नये शैक्षणिक ऍप संचालित कर सकने में सक्षम मोबाईल, टैब व कंप्यूटर सहित इंटरनेट कनेक्शन खरीदने के लिए अचानक ही 20 से 25 हजार का खर्च करना पडा. साथ ही प्रतिमाह रिचार्ज करने के लिए भी जेब पर आर्थिक बोझ पड रहा है.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण की पहली लहर के दौरान अमरावती शहर लंबे समय तक ग्रीन झोन में रहा, लेकिन अमरावती में दूसरी लहर का असर काफी खतरनाक रहा और हजारों संक्रमित पाये जाने के साथ ही सैंकडों लोगों को अपनी जान गंवानी पडी. कोविड संक्रमण की वजह से उपजे हालात का सर्वाधिक असर शिक्षा क्षेत्र पर दिखाई दिया. इस दौरान ऑनलाईन शिक्षा भी एक दिखावा बनकर ही रह गई, क्योंकि कई तरह की तकनीकी दिक्कतों की वजह से ऑनलाईन शिक्षा में पढाई के नाम पर क्या चल रहा है, यह विद्यार्थियों को भी समझ में नहीं आया. मराठी माध्यम और कला शाखा के विद्यार्थियों का अमूमन कंप्यूटर से संबंध नहीं आता, लेकिन अब उन्हें रोजाना कंप्यूटर सहित मोबाईल व टैब लेकर बैठना पड रहा है. साथ ही इन विद्यार्थियों को ऑनलाईन पढाई के लिए नया मोबाईल अथवा टैब खरीदकर देने के लिए उनके अभिभावकों को काफी पैसा खर्च करना पडा.
प्रति माह एक से डेढ हजार का फटका
– शालाओं द्वारा ऑनलाईन तरीके से नियमित कक्षाएं ली जा रही है. जिसके चलते अब विद्यार्थियों द्वारा अपने अभिभावकों से मोबाईल, टैब व कंप्यूटर खरीदकर देने की मांग की जाने लगी है. पढाई के लिए जरूरी रहने के चलते अभिभावकों द्वारा भी यह तमाम साहित्य खरीदकर देने के साथ-साथ इंटरनेट की सेवा भी उपलब्ध करायी जा रही है. जिसकी वजह से अभिभावकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड रहा है.
– घर के सभी बच्चों को अपना खुद का मोबाईल व टैब दिलाने के चक्कर में कई अभिभावकों को इस पर 50 से 60 हजार रूपये का खर्च करना पडा. साथ ही उन्हें प्रतिमाह इंटरनेट कनेक्शन के नाम पर एक से डेढ हजार रूपये का खर्च भी करना पड रहा है.
– प्रत्येक शाला द्वारा पढाई-लिखाई को लेकर किये जानेवाले नियोजन को देखते हुए तुरंत ही इस हेतु जरूरी साहित्य को उपलब्ध कराने के चक्कर में अभिभावकों की जेब पर कैची चल रही है.
बच्चों का हो रहा शारीरिक, मानसिक व शैक्षणिक नुकसान
मानसोपचार विशेषज्ञों के मुताबिक मोबाईल, टैब व कंप्यूटर के अत्याधिक प्रयोग की वजह से बच्चों का शारीरिक, मानसिक व शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. इस समय शालाएं बंद रहने की वजह से मैदानी खेलों की पूरी अनदेखी हो रही है. साथ ही पूरा समय मोबाईल पर लगे रहने की वजह से बच्चों का परिवार के साथ संवाद भी बेहद कम हो गया है. इसके अलावा यूट्यूब के अत्याधिक प्रयोग की वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर परिणाम पड रहा है और बच्चों में चिढचिढापण बढने लगा है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, अभिभावकों ने बच्चों के साथ संवाद बढाते हुए उनके स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए.
कक्षानिहाय विद्यार्थी संख्या
1 ली – 40,364
2 री – 41,745
3 री – 44,101
4 थी – 43,847
5 वीं – 44,731
6 वीं – 44,054
7 वीं – 44,420
8 वीं – 44,516
9 वीं – 44,884
10 वीं – 45,468