अमरावती

कई स्थानों पर ऑनलाईन शिक्षा का नियोजन गडबडाया

नेटवर्क की देखी गई समस्या, शिक्षक करते रहे माथापच्ची

  • डेढ वर्ष से शालाएं बंद रहने के चलते हर कोई हैरान-परेशान

अमरावती/दि.29 – गत वर्ष मार्च माह के दौरान कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी स्कुल व कॉलेज को बंद कर दिया गया था और करीब सवा साल से सभी स्कुल व कॉलेज पूरी तरह बंद ही है. वहीं जारी शैक्षणिक सत्र में राज्य के शालेय शिक्षा विभाग में 28 जून से कक्षा 1 ली से कक्षा 12 वीं की कक्षाओं को शुरू करने का निर्णय लिया गया. किंतु शाला खुलने के पहले दिन केवल शिक्षक ही स्कुल में थे और सभी विद्यार्थी अपने-अपने घरों में थे, क्योंकि इस समय कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए ऑनलाईन पढाई शुरू करने का निर्णय लिया गया. किंतु पहले ही दिन कई स्थानों पर ऑनलाईन पढाई को लेकर नियोजन काफी हद तक गडबडाता दिखा, क्योंकि कई स्थानों पर, विशेषकर ग्रामीण इलाकों की शालाओं में नेटवर्क की समस्या थी. जिसकी वजह से कई शिक्षक इस समस्या से जूझते दिखे.
बता दें कि, सोमवार से शुरू हुए नये शैक्षणिक सत्र के तहत कक्षा 1 ली से 9 वीं व कक्षा 11 वीं के 50 फीसदी शिक्षकों को उपस्थित रहने हेतु कहा गया है. वहीं कक्षा 10 वीं व 12 वीं के शत-प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है. इसके अलावा सभी शालाओं के मुख्याध्यापकों व कनिष्ठ महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पहले दिन से उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है. ऐसे में अधिकांश शालाओं में शिक्षकों की उपस्थिति काफी उल्लेखनीय रही. किंतु कुछ शालाओं में मुख्याध्यापक सही समय पर नहीं पहुंचे और कुछ शालाएं शैक्षणिक सत्र के पहले ही दिन ऑनलाईन पढाई का काम शुरू होने में विलंब होता दिखा.

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चांदूर के काबरा स्कुल में मुख्याध्यापिका अनुपस्थित

चांदूर बाजार तहसील स्थित जी. आर. काबरा विद्यालय में शैक्षणिक सत्र के पहले ही दिन खुद मुख्याध्यापिका अनुपस्थित थी. वहीं नगर परिषद उर्दू विद्यालय में पहले दिन कुछ तकनीकी दिक्कतों के चलते ऑनलाईन कक्षाएं शुरू नहीं हो पायी, जो मंगलवार 29 जून से शुरू की गई है. इसके अलावा अन्य सभी स्कुलों में शिक्षकों की उपस्थिति काफी उल्लेखनीय रही.

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नांदगांव खंडे. में शाला खुली, पर घंटी नहीं बजी

नांदगांव खंडेश्वर तहसील में सोमवार को सभी शालाएं खुल गई और शिक्षकों की हाजरी भी दिखाई दी, लेकिन शाला में घंटी ही नहीं बजी. साथ ही विद्यार्थियों की गैरहाजरी के चलते शालाओं एवं कक्षाओं में काफी हद तक सन्नाटा पसरा पडा था और खाली पडी कक्षाओं में उपस्थित रहते हुए शिक्षकों ने मोबाईल व लैपटॉप के जरिये अपने विद्यार्थियों को ऑनलाईन तरीके से पढाया.

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वरूड में हुई ऑनलाईन पढाई शुरू

वरूड तहसील में नये शैक्षणिक सत्र का पहला दिन ऑनलाईन पढाई के साथ शुरू हुआ और शाला में बजनेवाली घंटी मोबाईल पर बजी. नये शैक्षणिक सत्र का पहला दिन सभी शिक्षकों ने बेहद आनंददायी वातावरण के बीच मनाया. हालांकि इस समय विद्यार्थियों की गैरमौजूदगी के चलते वातावरण में काफी हद तक सन्नाटा पसरा हुआ था. घर पर मौजूद विद्यार्थियों को शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन तरीके से पढाया गया.

भूगांव में पहले ही दिन विलंब से खुली शाला

अचलपुर तहसील अंतर्गत भूगांव स्थित आदर्श विद्यालय में सुबह 11 बजे के बाद भी मुख्याध्यापक कक्ष पर ताला लटका हुआ था, जबकि 11 बजे शाला खुल जानी चाहिए थी. वहीं क्षेत्र की अन्य शालाओं में शिक्षकों द्वारा मोबाईल के जरिये अपने विद्यार्थियों को ऑनलाईन तरीके से पढाया जा रहा था.

चिखलदरा में नेटवर्क की समस्या

पर्वतीय क्षेत्र चिखलदरा तहसील के चौरामल, बिहाली, पोहाणा, सलोना, गौलखेडा बाजार आदि गांवों की शालाओं में शिक्षकों की हाजरी तो थी, लेकिन इन दुर्गम इलाकों में मोबाईल नेटवर्क की वजह से शिक्षकों को काफी समस्याओं का सामना करना पडा. साथ ही ऑनलाईन व ऑफलाईन पढाई करवाने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में रहनेवाले शिक्षक मित्रों की सहायता लेनी पडी.

धारणी में भी रही नेटवर्क की समस्या

आदिवासी बहुल धारणी तहसील में स्थित 213 शालाएं सोमवार से खुल गई और सभी शालाओं में शिक्षक भी उपस्थित रहे. किंतु इस तहसील में भी मोबाईल और इंटरनेट नेटवर्क की काफी दिक्कत देखी गई. क्षेत्र के अधिकांश आदिवासियों के पास महंगे एंड्राईड स्मार्ट फोन नहीं है. साथ ही इस पर्वतीय क्षेत्र में इंटरनेट नेटवर्क और मोबाईल रेंज की भी काफी समस्या है. जिसकी वजह से यहां पर ऑनलाईन शिक्षा देना संभव ही नहीं है. ऐसे में धारणी सहित बासपानी, टिंगर्‍या आदि गांवों में ऑनलाईन की बजाय ऑफलाईन कक्षाएं शुरू की गई और कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को पढाया गया.

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