अमरावती

ऑनलाइन ‘लोन फ्रॉड’ के तार सीधे नेपाल की सीमा से जुडे

ग्रामीण सायबर पुलिस की तहकीकात में पर्दाफाश

* आरोपियों तक पहुंचना मुश्किल
अमरावती/ दि.3 – पिछले 5-6 माह से सायबर अपराधी ऑनलाइन कर्ज देने का प्रलोभन देकर या प्रत्यक्ष कर्ज देकर सामान्य जनता को ठग रहे है. दिये कर्ज के अलावा ब्याज की रकम देने के बाद भी ज्यादा रकम मांगी जाती है, उनके अनुसार रुपए नहीं दिये तो संबंधित कर्जदार के परिचितों को मैसेज भेजकर, मॉर्फ की हुई तस्वीर भेजकर बदनाम करते है. इस तरह की प्राप्त शिकायत की पुलिस ने तकनिकी जांच की. अब तक सायबर अपराधी देश के विभिन्न राज्यों से घटनाओं को अंजाम देते थे, मगर ऑनलाइन लोन फ्रॉड के अपराधी अपराध करने के लिए सीधे नेपाल के नेटवर्क का उपयोग कर रहे है. वे नेपाल में जाकर या नेपाल व भारत की सीमा से घटनाओं को अंजाम देते है, ऐसी जानकारी सायबर पुलिस ने दी हेै. ऑनलाइन फ्रॉड के तार सीधे नेपाली की सीमा से जुडे होने के कारण उन सायबर अपराधियों पर पहुंच पाना मुश्किल है.
ऑनलाइन कर्ज देने के लिए पिछले कुछ दिनों से विभिन्न अप्लिकेशन के माध्यम से 1 से 20 हजार रुपए तक अल्प समयावधि के लिए कर्ज की जरुरत रहने वाले व्यक्तियों को उस एप के माध्यम से उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट फोटो, बैंक खाते की जानकारी देना होता है. उस व्यक्ति को कर्ज भी दिया जाता है. इसके बाद सोशल मीडिया व्दारा वाइस कॉल से कर्जदार व्यक्ति को ओर रकम भरने को कहा जाता है, अगर उसने मना किया तो बदनाम करने की धमकी दी जाती है. फिर भी उसने नहीं सुना तो कर्जदार के परिचित व्यक्तियों को कर्जदार के बारे में अश्लिल आक्षेप युक्त मैसेज भेजकर बनाम करते है. इस तरह के मामले जिले में पिछले 5-6 माह से उजागर हो रहे है. परंतु बदनाम होने के डर के मारे कई लोग शिकायत देनेे नहीं आये. ग्रामीण पुलिस के पास 3 शिकायत दर्ज की गई है. इस शिकायत की जांच करते समय लोन फ्रॉड के अपराधी नेपाल के नेटवर्क का उपयोग कर रहे है, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है.

शिकायत व जांच के बाद तीन माह में 43 लोन एप बंद
ग्रामीण सायबर पुलिस को शिकायत मिलने के बाद संबंधित शिकायतकर्ता की शिकायत की जांच में प्ले स्टोर पर जो लोन एप का उपयोग किये जाने की बात सामने आयी, ऐस 43 एप प्ले स्टोर के नोडल अधिकारी से पत्र व्यवहार कर बंद कराने को कहा गया था. वे एप उन्होेंने बंद कर दिये. इसी तरह जांच में लोन फ्रॉड के अपराधी नेपाल के नेटवर्क का उपयोग कर रहे है, ऐसी जानकारी सामने आयी है. वे अपराधी भारत, नेपाल की सीमा या नेपाल में जाकर नेटवर्क का उपयोग करते होंगे, ऐसा ग्रामीण सायबर पुलिस थाने के एपीआई ईश्वर वर्गे ने बताया. इसी तरह ऐसे अपराध में नहीं फंसने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने से परहेज करे, ऐसा भी उन्होंने बताया.

वरिष्ठों की सूचना के अनुसार निर्णय लेंगे
सायबर अपराध में देश अंतर्गत आरोपियों को इससे पहले पकडे है. मगर देश के बाहर रहने वाले आरोपियों को पकडना हो तो केंद्रीय गृहमंत्रालय, इंटरपोल ऐसी प्रक्रिया पार करना पडता है. अब तक सायबर अपराध में विदेशियों को हमने पकडा नहीं, मगर आने वाले वक्त में वरिष्ठों की सूचना के आधार पर ऐसे मामले में निर्णय लिया जाएगा.
– अविनाश बारगल, पुलिस अधिक्षक, अमरावती

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