जिले के 18 लाख मतदाताओं से संपर्क करने केवल 16 दिन का समय
हर एक मतदाता तक पहुंंचने हेतु सभी उम्मीदवारों को करनी होगी मशक्कत
* गर्मी के मौसम में कार्यकर्ताओं के भी छूटेंगे पसीने
अमरावती /दि.24– लोकसभा चुनाव का निल बज चुका है. वहीं राजनीतिक माहौल भी गरमाने लगा है. होली के बाद लोकसभा के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 28 मार्च से शुरू होगी और 8 अप्रैल को नामांकन वापसी और उसी दिन उम्मीदवारों को चुनावी चिन्ह का वितरण किया जाएगा. चुनाव चिन्ह का वितरण किए जाने के बाद उम्मीदवारों का सही प्रचार शुरू हो जाता है और 26 अप्रैल को मतदान के 48 घंटे पहले यानी 24 अप्रैल की शाम 6 बजे अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी प्रचार की तोपें थम जाएंगी. इस तरह अमरावती लोकसभा के महासंग्राम में उतरे उम्मीदवारों को प्रचार के लिए केवल 16 दिन का समय मिल पाएगा.
9 तहसीलें, 700 से अधिक गांव तेज धूप में सभी 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 18 लाख से अधिक मतदाताओं तक अपना चुनाव चिन्ह पहुंचाने उम्मीदवारों के साथ ही पार्टीजनों और कार्यकर्ताओं को कड़ी कसरत करनी पड़ेगी. जिससे निर्दलीय लड़ने वालों के लिए अंगूर खटूटे वालीबात चरितार्थ होगी. लंबे चौड़े क्षेत्रफल वाले अमरावती संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 9 तहसीलों के 700 से अधिक गांव आते हैं. जहां डोर टू डोर मतदाताओं तक केवल 16 दिन में पहुंच पाना मुश्किल हैं. राष्ट्रीय दलों के लिए भले ही प्रचार में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कांग्रेस जहां 28 वर्षों बाद अमरावती सीट से किस्मत आजमाने जा रही है. वहीं भाजपा पहली बार अमरावती सीट से मैदान में उतर रही है.
* पारा 39 पर, अप्रैल में और तपेगा
इस बार होली से पहले ही तापमान 39 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है. श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ प्रा. अनिल बंड के अनुसार शनिवार को न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस आका गया है. मार्च के अंतिम सप्ताह में तापमान 40 डिग्री के पार होगा. अप्रैल माह में चुनावी माहौल और गरमाएंगा. इस कारण तेज गर्मी में 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के 18 लाख से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचना उम्मीदवारों के लिए टेडी खीर साबित होना तय है.
* मविआ में बगावत के सुर, महायुति में भी घमासान
लोकसभा चुनाव की घोषणा हुए 8 दिन का समय बीत चुका है. वर्तमान में केवल महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस के हिस्से आई अमरावती सीट से विधायक बलवंत वानखड़े की उम्मीदवारी घोषित हुई है. महाविकास आघाड़ी के प्रमुख घटक दल शिवसेना उबाठा के दिनेश बूब चुनौती दे रहे हैं. वंचित बहुजन आघाड़ी भी अपना प्रत्याशी मैदान में उतार रही है. कुछ ऐसी ही रिचत स्थिति महायुति की है. भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. भले ही सांसद नवनीत राणा को अमरावती लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारे जाने की चर्चा शुरू है. वहीं महायुति के घटक दल शिवसेना शिवे गुट के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल भी एक बार फिर अमरावती संसदीय सीट से चुनाव लडने को लेकर अच्छे खासे उत्सुक दिखाई दे रहे है.