अमरावतीमहाराष्ट्र

संभाग में केवल 16 महिला प्रत्याशी

नारी शक्ति को चाहिए ज्यादा अधिकार

* अगले चुनाव में रहेगा 33 प्रतिशत आरक्षण
अमरावती /दि.5– वर्धा सहित अमरावती संभाग की 5 लोकसभा सीटों के लिए 181 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. उनमें केवल 16 महिलाएं हैं. साफ है कि, राजनीति में महिलाओं को अभी भी अपेक्षित अवसर नहीं मिल रहे हैं. प्रमुख दलों में केवल भाजपा, कांग्रेस और शिवसेना शिंदे गट ने महिला प्रत्याशी दिये हैं. अमरावती से भाजपा ने नवनीत राणा को यवतमाल से शिंदे शिवसेना ने राजश्री पाटिल को मैदान में उतारा है.

* सबसे अधिक अमरावती में
महिला उम्मीदवारों की बात करें, तो अमरावती में 59 प्रत्याशी मैदान में उतरे है. उनमें 6 महिला प्रत्याशी है. यवतमाल और अकोला में 3-3 तथा बुलढाणा एवं वर्धा में 2-2 महिला प्रत्याशी लोकसभा के लिए किस्मत आजमा सकती है. अभी चुनाव की नाम पीछे लेने की तिथि शेष है. तब तक कुछ उम्मीदवार बेशक मैदान से हट सकते हैं. आज उम्मीदवारों के नामांकनों की जांच होने वाली है.

* 2029 में मिलेगा आरक्षण लाभ
महिलाओं की पॉवर में भागीदारी बढाने के दावे दल करते आये हैं. वर्षों पहले लटका आरक्षण विधेयक मोदी सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर पारित करवाया. जिसमें लोकसभा और विधानसभा में 33 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित करने का कानून पारित किया गया. यह व्यवस्था विधानसभा के लिए अगले 2 वर्षों में और लोकसभा के लिए अगली बार अर्थात 2029 में लागू होगी. महिला वर्ग इस व्यवस्था पर संतोष और हर्ष व्यक्त कर चुकी है. राजनीतिक दलों की नामांकन रैली में बडी संख्या में महिलाएं सहभागी हुई है.

* रोचक है क्षेत्र का इतिहास
विदर्भ से लोकसभा के लिए महिला उम्मीदवारों के चुने जाने का इतिहास अच्छा है. नागपुर की पहली सांसद अनुसुया काले थी. वे 1952 और 1957 में चुनाव जीती. ऐसे ही वर्धा से 1999 में प्रभा राव सांसद चुनी गई. अमरावती की बात करें तो उषाताई चौधरी और प्रतिभाताई पाटील सांसद रही है. फिलहाल नवनीत राणा, भावना गवली यहां से सांसद है.

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