अमरावती

विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय के केवल 210 प्रवेश

पारंपरिक स्नातकोत्तर की ओर छात्रों का रूझान कम

अमरावती/दि.19-ग्रेजुएशन के बाद ज्यादातर छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई में एडमिशन लेते हैं. इस साल स्थिति पहली बार बदली है. इस वर्ष विश्वविद्यालय के अंतर्गत विज्ञान संकाय से लगभग 4 हजार 800 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए. विश्वविद्यालय में विज्ञान में स्नातकोत्तर के लिए 320 सीटें हैं. इन सीटों के लिए अब तक 600 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से केवल 210 को ही प्रवेश दिया गया है. वहीं, कला और वाणिज्य संकाय में स्पॉट एडमिशन शुरू हो गए हैं, पिछले साल तक साइंस के साथ-साथ कला और वाणिज्य संकाय के लिए छात्रों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रहती थी. इस स्थिति से पता चलता है कि विश्वविद्यालय में विज्ञान, कला और वाणिज्य की पारंपरिक स्नातकोत्तर शिक्षा के प्रति छात्रों का रुझान कम हो गया है.
अमरावती विद्यापीठ में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 15 जुलाई थी. पिछले साल 15 जुलाई तक लगभग सभी संकायों में 70 फीसदी दाखिले पूरे हो गए थे, लेकिन इस साल 320 विज्ञान संकाय में से सिर्फ 210 में ही दाखिले हो पाए हैं. इन 210 में से भी कई छात्रों को दूसरे कॉलेजों में दाखिला मिल गया है. इन 210 में से भी अब कई विद्यार्थी अन्य कॉलजों में प ्रवेश मिलने से विद्यापीठ से प्रवेश निकाल रहे है. तथा कला और वाणिज्य संकाय में तो 440 में से केवल 60 प्रवेश हुए है. कुलमिलाकर तीनों संकाय के स्नातकोत्तर प्रवेश की ओर छात्रों ने मुंह फेरा दिखाई देता है. अमरावती विद्यापीठ अंतर्गत इस बार कला संकाय से सर्वाधिक 11 हजार 495, वाणिज्य संकाय से 4 हजार 828 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए है. विद्यापीठ में स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए केंद्रीय प्रवेश समिति द्वारा एमए, एमकॉम, एमएससी, बीलिब, एमलिब और एलएलएम आदि पाठयक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाती है. इन सभी पाठयक्रमों की ओर छात्रों का रूझान कम होने की जानकारी प्रवेश समिति द्वारा प्राप्त जानकारी से सामने आ रही है.
अभी भी बड़े पैमाने पर सीटें रिक्त
इस वर्ष विश्वविद्यालय की तीनों शाखाओं कला, वाणिज्य और विज्ञान में छात्रों की संख्या में कमी आयी है. इस साल विज्ञान संकाय में अभी भी सौ से कम दाखिले हुए हैं, जबकि कला और वाणिज्य संकाय में भी प्रवेश संख्या कम है. इन दोनों संकायों में बडे पैमाने पर सीटें रिक्त है.
-प्रा.डॉ.प्रशांत ठाकरे, अध्यक्ष,
* एक्सपर्ट के मुताबिक:
पारंपरिक शिक्षा से रोजगार के अवसर कम
कला, विज्ञान और वाणिज्य से स्नातकोत्तर करने पर रोजगार मिलने की संभावना बहुत कम होती है. ग्रेजुएशन के बाद एमबीए, एमसीए या विभिन्न प्रोफेशनल डिप्लोमा की तुलना में नौकरी मिलने की संभावना अधिक होती है. कला, विज्ञान और वाणिज्य की दृष्टि से भी विश्वविद्यालय की तुलना में स्वायत्त महाविद्यालय में प्रवेश लेने के लिए प्राधान्य दिया जाता है. इन दो मुख्य कारणों से कला, वाणिज्य व विज्ञान संकाय से स्नातकोत्तर की आरे रुझान का हुआ है. इस स्थिति में सकारात्मक बदल के लिए स्थानीय स्तर पर बडे पैमाने पर उद्योगों की जरूरत है, ऐसी राय शिक्षाविद् प्रा.डॉ. प्रवीण रघुवंशी ने व्यक्त की.

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