511 प्रकल्पों में केवल 27.78 प्रतिशत पानी
पश्चिम विदर्भ में बडे 9 प्रकल्पों में 33.16 प्रतिशत पानी
जलसंपदा विभाग की जानकारी
अमरावती/दि.31 – मई महिने में तेज गर्मी से प्रकल्पों के जल साठे का तेजी से बाफ हो रही है. इस संदर्भ में 27 मई तक की जलसंपदा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम विदर्भ के 511 सिंचाई प्रकल्पों में केवल 27.18 प्रतिशत ही पानी शेष है. इसमें 9 बडे प्रकल्प में 33.16 प्रतिशत पानी बचा है.
इस समय पहली बार ही जलकिल्लत महसूस नहीं हुई. फिर भी दो सप्ताह तो भी पानी का इस्तेमाल काफी संभलकर करना होगा. मान्सून की बारिश 10 जून के बाद दाखिल होगी, इस तरह का अनुमान मौसम विशेषज्ञ अनिल बंड ने व्यक्त किया है. पीने के पानी की फिलहाल कही पर कोई चिंता नहीं है. फिर भी पिछले वर्ष की तरह प्रकल्प 100 प्रतिशत भरा तो ही आगामी वर्ष सिंचाई को व पीने के पानी की सुविधा होगी. पश्चिम विदर्भ में 9 बडे, 25 मध्यम व 477 लघू प्रकल्पों में औसतन 27.18 प्रतिशत पानी शेष है. इसमें बडे 9 प्रकल्पों में औसतन 33.16 प्रतिशत, 25 मध्यम प्रकल्प में 30.49 प्रतिशत तथा 477 लघू प्रकल्पों में केवल 17.78 पानी शेष है.
9 बडे प्रकल्पों की स्थिति
अमरावती शहर को जलापूर्ति करने वाले उर्ध्व वर्धा प्रकल्प में सर्वाधिक 44.86 प्रतिशत पानी है. यह अमरावती जिले के लिए अच्छी बात है. यवतमाल जिले के पुस प्रकल्प में 22.35 प्रतिशत, अरुणावती 19.67 प्रतिशत, बेंबला प्रकल्प 38.33 प्रतिशत, अकोला जिले के काटेपुर्णा प्रकल्प में 29.04 प्रतिशत, वान 35.99 प्रतिशत, बुलढाणा जिले के नलगंगा प्रकल्प में 29.54 प्रतिशत, पेनटाकली 19.83 प्रतिशत तथा खडकपूर्णा प्रकल्प में झिरो प्रतिशत पानी शेष है.
अंदमान-निकोबार से निकलकर मान्सून की बारिश आज सोमवार तक केरल में दाखल होने की संभावना है. उसके बाद सबकुछ सूचारु रहा तो विदर्भ में वह 10 जून के बाद पहुंचने की संभावना है. तब तक मान्सून पूर्व बारिश कम ज्यादा प्रमाण में शुरु रहेगी. इस बार बारिश अच्छी है.
– अनिल बंड, मौसम विशेषज्ञ, अमरावती