* सहकार तत्व पर खुले सभी कारखाने बंद
अमरावती/दि.5 – विदर्भ के अन्य जिलों समेत अमरावती विभाग में भी 13 वर्ष पहले पूर्ण क्षमता से शुरु सहकारी तत्व पर के शक्कर कारखानों के कारण गन्ना उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि हुई थी. जिसके माध्यम से किसानों के आर्थिक समृद्धि को बल मिला. लेकिन कई दिक्कतों के कारण आज की स्थिति में अमरावती संभाग मेें केवल 3 शक्कर कारखाने शुरु है, वह भी निजी कारखाने हैं. अमरावती व वाशिम समेत संभाग के 3 जिलों में एक भी शक्कर कारखाना नहीं है, जो सहकारी तत्व पर थे, वह भी बंद पडे है. जिस ओर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी हो रही है.
पुसद का वसंत सहकारी शक्कर कारखाना वित्तीय संकट के कारण 5 वर्ष पहले ही बंद पडकर घाटे में गया. वर्तमान में केवल बुलढाणा जिले में अनुराधा, यवतमाल जिले में डेक्कन शुगर व नैचरल शुगर इन 3 कारखानों ने ही गन्नें का गालप किया, तो अमरावती, वाशिम व अकोला में एक भी शक्कर कारखाना नहीं है.
विगत 20 वर्ष के कार्यकाल में विदर्भ में 17 शक्कर कारखाने शुरु हुए, लेकिन उसके बाद यह कारखाने बंद पडने की श्रृंखला शुरु हो गई. 17 में से 11 सहकारी शक्कर कारखाने निजी उद्योजकों को बेच दिये गये है. सिंचाई का अनुशेष रहने वाली अमरावती विभाग में 11 शक्कर कारखाने शुरु किये गये थे, उनमें से 9 कारखानें विपन्नवस्था में है. 5 शक्कर कारखानों की महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्बारा निजी उद्योजकों को बिक्री की गई.