अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४ – राज्य में कोरोना फिर एक बार तेजी से बढते जा रहा है. वहीं दूसरी ओर राज्य में कोविड अस्पतालों में हो रही दुर्घटनाओं के चलते मरीज फिलहाल परेशान नजर आ रहे है. नाशिक में ऑक्सिजन रिसाव के चलते 24 मरीजों को अपनी जान गवानी पडी. उस घटना के दूसरे ही दिन विरार में विजय वल्लभ अस्पताल में लगी आग के बाद फिर एक बार अस्पतालों के फायर ऑडिट का मुद्दा सामने आ गया है. अमरावती शहर में 19 कोविड हॉस्पिटल को मनपा ने अनुमति दी है. जबकि 2 अस्पताल यह शासकीय है. इनमें से केवल 6 अस्पतालों का फायर ऑडिट हुआ है. अन्य 13 अस्पतालों को फायर ऑडिट का काम अभी भी शेष है. किंतु इन अस्पतालों का ऑडिट अभी भी शुरु रहने की जानकारी मनपा के उपायुक्त सुरेश पाटील ने दी. अमरावती मनपा की ओर से शहर में जो कोविड अस्पताल शुरु है, उनके ऑडिट की जिम्मेदारी 9 पंजीकृत रहने वाले मुंबई, नागपुर और अमरावती की एजेंसी को दी गई है. इनमें से 4 एजेंसी यह मुंबई की है तथा 4 नागपुर की है और शेष 1 एजेंसी यह अमरावती की है. 19 अस्पतालों के फायर ऑडिट के लिए 9 एजेंसी की नियुक्ति किये जाने के बाद भी आज तक केवल 6 अस्पतालों का फायर ऑडिट हुआ है, यह विशेष. उल्लेखनीय है कि मुंबई के विरार स्थित कोविड अस्पताल में लगी आग में 24 मरीजों की दर्दनाक मौत हुई हैं. यह घटना कॉफी दुर्दैवी है.
एक ओर कोरोना का जबर्दस्त भय लोगों के मन में है, उसमें हॉस्पिटल में होने वाली घटनाओं ने लोगों का भय बढा दिया है. कोविड काल में अस्पताल पर भारी तनाव है, जिससे इस एजेंसी ने अब तो भी शेष हॉस्पिटल का फायर ऑडिट अब जल्द से जल्द करना होगा, इस तरह की जानकारी उपायुक्त पाटिल ने दी. विरार के घटना की पृष्ठभूमि पर अमरावती शहर के बडे अस्पतालों में जहां मरीजों की संख्या ज्यादा है तथा आईसीयू युनिट रहने वाले अस्पतालों में भी सुरक्षितता के चलते जांच करने के आदेश मनपा के अग्नीशमन दल को दिये गये है तथा संबंधित अस्पताल के डॉक्टरों को भी अपने अस्पतालों का फायर ऑडिट कर लेने की सूचना दी है.