* उपचार के अभाव में गंवानी पडती है जान
अमरावती/ दि. 8– जिला अस्पताल में शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र के मरीज उपचार के लिए भर्ती होते है. इनमें से अधिकांश मरीजों को आईसीयू बेड की जरूरत होती है. किंतु जिला अस्पताल इर्विन में केवल 6 आईसीयू बेड की व्यवस्था है. जिसके कारण कई मरीजों को समय पर आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं होने से उन्हें नागपुर रेफर किया जाता है. कई गंभीर मरीजों को बेड नहीं मिलते. ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें नागपुर भेजा जाता है. किंतु नागपुर पहुंचने से पूर्व ही रास्ते में उपचार के अभाव में उन्हें अपनी जान गंवानी पडती है.
* 14 वर्षीय बालिका ने गंवाई जान
चांदुर रेल्वे तहसील के चिरोडी निवासी एक 14 वर्षीय बालिका को 1 जून को सर्पदंश हुआ. उसे इर्विन अस्पताल में भर्ती किया गया था, किंतु यहां पर आईसीयू बेड नहीं मिलने से उसे नागपुर रेफर किया गया. 3 जून को उसकी मृत्यु हो गई.
* जनप्रतिनिधि कब देंगे ध्यान?
अमरावती जिला विभाग का स्थान होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवा-सुविधाओं को यहां पर अभाव है. इर्विन में रोजाना सैकडो मरीज भर्ती होते है, किंतु यहां पर आईसीयू बेड की संख्या काफी कम यानी केवल 6 है. ऐसी गंभीर स्थिति में जनप्रतिनिधि अनदेखी से सवाल उठ रहे है. जनप्रतिनिधि ध्यान देंगे क्या? यह सवाल नागरिक कर रहे है.
* मानवसंसाधन का अभाव
जिला सामान्य अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए तथा 6 आईसीयू बेड के अलावा और भी 12 आईसीयू बेड का सेटअप वॉर्ड नंबर 10 में तैयार किया है, किंतु यह आईसीयू वॉर्ड कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक डॉक्टर, परिचारिका व अन्य मानवसंसाधन नहीं रहने से इस वॉर्ड को ताला लगा है.
सरकार से मांग की गई है
वॉर्ड नंबर 10 में 12 आईसीयू बेड का सेटअप लगाया गया है, किंतु मानवसंसाधन की कमी है. इस संदर्भ में मांग सरकार से की गई है.
-डॉ.दिलीप सौंदले, जिला शल्य चिकित्सक