अमरावती शहर में केवल 83 वैध मोबाइल टॉवर
शेष 300 टॉवरों के नियमबाह्य रहने की जानकारी आई सामने

* खुद डेप्युटी सीएम शिंदे ने विधानसभा में दी कबूली
अमरावती/दि. 7 – अमरावती मनपा क्षेत्र में एक मोबाइल टॉवर अनुमति पर मोबाइल कंपनियों द्वारा मनमाने ढंग से अनेकों अनधिकृत टॉवर खडे किए जाने को लेकर विधानसभा में उपस्थित किए गए सवाल पर जवाब देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वीकार किया कि, अमरावती शहर में कुल 383 मोबाइल टॉवर अस्तित्व में है. जिसमें से केवल 83 मोबाइल टॉवर्स को अनुमति दी गई है. वहीं शेष 300 टॉवर को अनुमति की कार्रवाई चल रही है. जिसका सीधा मतलब है कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में 300 टॉवर अवैध तरीके से खडे किए गए है.
ज्ञात रहे कि, विधायक अमित साटम (अंधेरी पश्चिम), प्रशांत ठाकुर (पनवेल), मनीषा चौधरी (दहीसर) व कैप्टल आर. सेलवन (सायन कोलीवाडा) ने विधानसभा के बजट सत्र दौरान सरकार के समक्ष जानकारी रखी थी कि, अमरावती शहर में 217 अनधिकृत मोबाइल टॉवर खडे किए गए है, ऐसी जानकारी जनवरी 2025 में सामने आई है और इन अनधिकृत मोबाइल टॉवरों की वजह से मनपा का करोडों रुपयों का नुकसान हो रहा है. ऐसे में इन नियमबाह्य टॉवरों को हटाने के लिए अमरावती के मनपा प्रशासन व सरकार की ओर से कौनसी कार्रवाई की जा रही है. जिस पर जवाब देते हुए डेप्युटी सीएम शिंदे ने बताया कि, अमरावती शहर कुल 383 मोबाइल टॉवर अस्तित्व में है, जिसमें से केवल 83 मोबाइल टॉवर्स को अनुमति दी गई है. वहीं शेष 300 टॉवर्स को अनुमति देने की कार्रवाई शुरु है. साथ ही मनपा आयुक्त ने 10 फरवरी को हुई समीक्षा बैठक में सहायक आयुक्त को अनधिकृत मोबाइल टॉवरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में सूचित किया है. इसके अलावा डेप्युटी सीएम शिंदे ने यह भी बताया कि, 83 अनुमति प्राप्त मोबाइल टॉवरों के जरिए अमरावती मनपा को 1 करोड 65 लाख रुपए का शुल्क प्राप्त हुआ है. साथ ही सूचना तकनीक संचालनालय द्वारा 12 नवंबर 2024 को जारी पत्रानुसार 1 जनवरी 2025 से मोबाइल टॉवर की अनुमति हेतु केंद्र सरकार के गतिशक्ति पोर्टल का प्रयोग कर मनपा द्वारा मोबाइल टॉवरों को अनुमति देने की प्रक्रिया चलाई जा रही है. जिसके पूर्ण होने पर मनपा को 5.10 करोड रुपए का शुल्क प्राप्त होना अपेक्षित है. साथ ही डेप्युटी सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि, सरकार द्वारा अनधिकृत मोबाइल टॉवर को निकालने के संदर्भ में तथा संबंधित मोबाइल कंपनियों एवं उन्हें मदद करनेवाले मनपा अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.