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अमरावती में 1 हजार लडकों के पीछे केवल 921 लडकियां

शहरों में बेटियां ‘नकोशी’

* 14 जिलों में बालिका की संख्या में घट
* गडचिरोली में सर्वाधिक 962
अमरावती/दि.11 – बेटी बचाओ बेटी पढाओ का नारा जोरशोर से दिया जाता है. शहरों में इसका शोर अनेक संस्थाएं और उनके पदाधिकारी अधिक करते हैं. किंतु देखने में आया है कि, लडकियों की जन्मदर लगातार कम हो रही है. अमरावती में पहले के मुकाबले बेटियों की प्रति हजार लडकों के पीछे संख्या में गिरावट आयी है. जिससे कहा जा रहा है कि, लडका-लडकी समान का नारा केवल बोलने के लिए है. हकीकत यह हैं कि, शहरों में यह संख्या और भी कमतर होती जा रही है. लडका और लडकियों का फर्क बढ रहा है. इस मामले में अपवाद गडचिरोली आदिवासी बहुल जिला है. जहां सर्वाधिक 962 लडकियां होने का सच सामने आया है. आंकडों पर नजर डालों तो 14 जिलों में बालिका की संख्या में सतत गिरावट दर्ज की गई. आज बालिका दिवस पर यह आंकडे विचारणीय हैं.
* गांव देहात में थोडा ठीक चित्र
आंकडों पर गौर करे, तो स्त्रीलिंग गुणोत्तर प्रमाण के प्रदेश में बडे विरोधाभास आंकडे हैं. एक ओर महानगरों में बेटियों का प्रमाण कम हो रहा है, तो गांवों में थोडा ठीक नजारा है. किंतु पिछडे भागों मेें औ बागायती क्षेत्र में भी लडकियों की संख्या लगातार कम होती नजर आ रही है. विदर्भ के कुछ जिलों, पश्चिम महाराष्ट्र, मराठवाडा, उत्तर महाराष्ट्र में स्त्रीलिंग गुणोत्तर का प्रमाण चिंताजनक कहा जा सकता है. पिछले वर्ष 2021 में स्त्रीलिंग गुणोत्तर प्रमाण 894 था. राज्य में सबसे कम प्रमाण बुलढाणा जिले में 862 हैं.
* शहरी क्षेत्र में लगातार घट
शहरी क्षेत्र में लडकों की तुलना में लडकियों की जन्मदर लगातार कम होती नजर आ रही है. प्रदेश में प्रत्येक वर्ष हजार लडकों की तुलना में कितनी लडकियां जन्मी, उस पर लिंग गुणोत्तर प्रमाण (सेक्स रेशो) तय होता है. प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें के आंकडों नुसार वर्ष 2019 में 9 लाख 10 हजार लडकों का जन्म हुआ. जबकि लडकियों की संख्या 8 लाख 36 हजार ही रही. जिससे साफ है कि, लडकियों की संख्या 73 हजार से कम हुई. 2020 में 8 लाख 94 हजार लडके जन्में. 8 लाख 16 हजार लडकियां पैदा हुई. उस वर्ष 77 हजार कम लडकियां जन्मी. 2021 में 9 लाख 1 हजार लडके, 8 लाख 16 हजार लडकियां जन्मी. अर्थात 84 हजार 734 कम लडकियां जन्मी. लिंग गुणोत्तर 906 तक घट गया.
* 14 जिलों में स्त्रीलिंग गुणोत्तर चिंताजनक
प्रदेश के 36 में से 14 जिलों में स्त्रीलिंग गुणोत्तर प्रमाण काफी कम हुआ है. इन जिलों में बुलढाणा, वाशिम, जलगांव, जालना, बीड, नगर, नासिक, धुले, नंदूरबार, औरंगाबाद, उस्मानाबाद, सातारा, कोल्हापुर, सोलापुर का समावेश है.
चार्ट
* स्त्रीलिंग जन्मदर
जिला              प्रमाण
अमरावती       921
बुलढाणा         862
गडचिरोली      962
मुंबई              899
नवी मुंबई      902
पुणे               869
ठाणे              863
सांगली          867
कोल्हापुर       863
औरंगाबाद     871

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