-
यातायात विभाग की कार्रवाई भी पडी सुस्त
अमरावती/दि.11 – सडक पर दुपहिया वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करने के साथ ही प्रत्येक वाहनधारक ने हेल्मेट का उपयोग करना चाहिए. लेकिन अमरावती शहर में इक्का-दुक्का वाहनधारकों को छोडकर किसी भी दुपहिया वाहनधारक के सिर पर हेल्मेट नजर नहीं आ रहा है. यहीं नहीं तो युवाओं को तो जैसे हेल्मेट से एलर्जी होने की बात प्रतित होती है. वहीं हेल्मेट का उपयोग नहीं करनेवाले दुपहिया धारकों पर कार्रवाई करने में भी यातायात विभाग पूरी तरह से सुस्त नजर आ रही है. इसीलिए यातायात पुलिस विभाग ने इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर हेल्मेट का उपयोग नहीं करनेवाले दुपहिया धारकों के खिलाफ सख्ती बरतने के साथ ही हेल्मेट के उपयोग को लेकर जनजागृति भी करनी चाहिए.
यहां बता दें कि पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में दुपहिया धारक बगैर हेल्मेट का उपयोग करते हुए वाहन सडकों पर दौडाते नजर आते है. जबकि देखा जाए तो सडक पर दुपहिया दौडाते समय हेल्मेट का उपयोग करना अनिवार्य है. यह हेल्मेट दुपहिया धारक की सुरक्षा के लिए है. लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से कोई भी जुर्माना नहीं वसूले जाने के चलते अनेकों वाहनधारक हेल्मेट का उपयोग नहीं करते है. शहर में हेल्मेट सख्ती नहीं होने के चलते बेफ्रीक होकर दुपहिया वाहनधारक सडक पर घूम रहे है. वहीं दूसरी ओर नागपुर शहर में दुपहिया धारक बगैर हेल्मेट के सडक पर उतरते ही नहीं है.
यातायात पुलिस विभाग की ओर से बीते सितंबर तक हेल्मेट का उपयोग नहीं करनेवाले वाहनधारकों पर की गई कार्रवाई पर नजर डाले तो विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली सामने आती है.
यातायात विभाग ने जनवरी माह में केवल एक कार्रवाई करते हुए 500 रुपए, फरवरी में दो कार्रवाई कर 1000, मार्च में एक कार्रवाई कर 500, अप्रैल में तीन कार्रवाई कर 1500, मई में 7 कार्रवाई कर 3500, जून में 1 कार्रवाई कर 500, जुलाई में 1 कार्रवाई कर 500, अगस्त में कोई कार्रवाई नहीं, सितंबर में 1 कार्रवाई कर 500 रुपयों का जुर्माना वसूला गया है.
खुद की सुरक्षा के लिए जरूरी
राज्य में प्रतिवर्ष हेल्मेट का उपयोग नहीं करने से सिर को गंभीर चोट लगने से तकरीबन डेढ से दो हजार वाहन चालकों की मृत्यु होती है. यदि हेल्मेट का उपयोग नहीं किया जाता है तो यह प्रमाण बढते ही जाएगा. इसलिए प्रशासन की ओर से हेल्मेट सख्ती करने की बजाय प्रत्येक वाहन धारक ने स्वयं सुरक्षा के लिए हेल्मेट का उपयोग करना चाहिए, इसे अपनी आदत ही बना लेनी चाहिए, अन्यथा खुद अपने पैरों पर कुल्हाडी मार लेंगे.
– अनिल कुरलकर,
पुलिस निरीक्षक, यातायात