केवल गुरु ही मनुष्य को जीवन का मार्ग दिखा सकते है
आचार्य श्री जितेंद्रनाथ महाराज का कथन
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दर्यापुर /दि. 7– मनुष्य जन्म यह केवल एक बार ही मिलता है. इसका उपयोग सत्कार्य करने के लिए हो यह हर किसी की इच्छा रहती है. लेकिन जीवन की उचित दिशा न मिलने से अनेक लोग भटक जाते है. जीवन को उचित मोड, संस्कार की जोड दिए बगैर नर का नारायण होना संभव नहीं है. इसके लिए गुरु ही अपने जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है. अपनी जीवन प्रणाली में आमुलाग्र बदलाव किया जा सकता है. इससे जीवन को दिशा मिलती है और अपना जीवन सार्थक होता है, ऐसा प्रतिपादन अपने प्रवचन में श्री देवनाथ पिठाधीश्वर प.पू. आचार्य श्री जितेंद्रनाथ महाराज ने कारंजा दत्त के श्री नृसिंह सरस्वती स्वामी महाराज गुरु मंदिर की श्री शैलगमन यात्रा निमित्त आयोजित प्रवचन में किया.
प्रयागराज के महाकुंभ में शामिल होने के बाद वे पहली बार कारंजा दत्त के गुरु मंदिर में उपस्थित हुए थे. इस अवसर पर उन्होंने प्रयागराज के महाकुंभ का महत्व विषद किया. साथ ही पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर के व्यक्तित्व तथा कार्यो की महत्वता विषद करते हुए इस निमित्त होनेवाले विविध कार्यक्रमों की रुपरेखा उपस्थितों को बताई. प्रवचन समारोह के बाद श्री गुरु मंदिर कारंजा दत्त के विश्वस्त मंडल आचार्य श्री जितेंद्रनाथ महाराज व रेणुका मायबाई का स्मृतिचिन्ह देकर सत्कार किया. हर वर्ष रथसप्तमी को आचार्य श्री जितेंद्रनाथ महाराज के प्रवचन का आयोजन गुरु मंदिर कारंजा दत्त में श्री शैलगमन यात्रा निमित्त स्थानीय विश्वस्त मंडल द्वारा किया जाता है. इस कार्यक्रम में दर्यापुर, मूर्तिजापुर, कारंजा दत्त व अंजनगांव सुर्जी के भक्तगण बडी संख्या में उपस्थित होते है.