अमरावती

सिर्फ डेढ़ फीसदी नोट ही बाजार में,2018 से छपाई भी बंद

2000 रुपये की नोट हुई बाजार से गायब

परतवाड़ा/अचलपुर/दी ९- पांच वर्ष पूर्व मोदी सरकार ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए 2000 रुपये की नई नोट को प्रस्तुत किया था,लेकिन अब यह नोट भी बाजार से लुप्तप्राय होती दिखाई पड़ रही है.केंद्र सरकार से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में 2000 रुपये मूल्य की सिर्फ 1.75 प्रतिशत मुद्राएं ही चलन में है.विगत साढ़े तीन वर्षों से 2000 की नोट की छपाई भी नही की गई है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न जवाब देते हुए कहा है कि 26 नवम्बर 2021को 2000रुपये की 223.3 करोड़ नोट बाजार में होने की जानकारी है.यही आंकड़ा 31 मार्च 2018 को 336.3 करोड़ यानी एनआयसी के 37.26 फीसदी था.2018 के बाद नोट मुद्रणालय में इन नोट की छपाई का कोई आदेश नहीं दिए जाने की बार चौधरी ने स्पष्ट की है.
नोटो की प्रिंटिंग के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा आरबीआई से चर्चा की जाती है.जनता की व्यवहारिक मांग के अनुरूप निश्चित मूल्य की नोटो की संख्या संतुलित रखने के लिए यह निर्णय लिया जाता है.2000 रुपये मूल्य की नोटो की छपाई बंद होने से बाजार में भी इन नोटों पा उपयोग कम ही दिखाई देता है.इसके अलावा नोट फट जाते अथवा खराब होने के कारण भी बाजार में उसका चलन कम हो जाता है.,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये मूल्य की मुद्राएं बाजार के चलन से रद्द करने की घोषणा की थी.इसके तत्काल बाद बाजार में 2000 रुपये मूल्य की नई नोट प्रस्तुत की गई थी.उसके बाद 500,200,100 और 50 रुपये मूल्य की नई करेंसी भी बाजार में उतारी गई.
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