शराब पीने का लाईसेंस रहने वालों को ही मिलेगी शराब
आबकारी विभाग ने शराब विक्री को लेकर जारी किये सख्त निर्देश
* अब तय समय के बाद नहीं की जा सकेगी शराब विक्री
* निर्धारित से कम आयु वालों को नहीं मिलेगा परमिट रुम में प्रवेश
अमरावती/दि.24 – राज्य में महाराष्ट्र दारु बंदी अधिनियम 1949 अंतर्गत पारित अलग-अलग नियमों के तहत शराब विक्री से संबंधित विभिन्न आबकारी अनुज्ञप्ति में कई तरह के नियमों, आदेशों, शर्तों का उल्लेख रहता है. जिनका संबंधितों द्वारा पालन किया जाना अपेक्षित होता है. साथ ही अनुज्ञप्तियों का नियमानुसार नियंत्रण व नियमन करवाने की जिम्मेदारी राज्य उत्पाद शुल्क अधिकारियों की होती है. जिनके द्वारा समय-समय पर आवश्यक उपाय योजनाएं करते हुए सतर्कता बरती जानी चाहिए. परंतु हाल ही में उन्हें शहर में घटित घटना की जांच में पता चला कि, एक नाबालिग युवक शराब पीकर चारपहिया वाहन चला रहा था और यह दुर्घटना तडके घटित हुई. जिसका सीधा मतलब है कि, आबकारी नियमों के साथ ही सडक सुरक्षा संबंधित नियमों का भी उल्लंघन हुआ. ऐसे में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के आयुक्त डॉ. विजय सूर्यवंशी ने राज्य के सभी आबकारी विभागीय उपायुक्तों व अधीक्षकों के नाम पत्र जारी करते हुए आबकारी नियमों का कडाई से पालन करवाने का आदेश जारी किया है.
इस आदेश पत्र में कहा गया है कि, राज्य में विशेषकर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्रों में एफएल-3 लाईसेंसधारकों हेतु सुबह 11.30 से रात 1.30 बजे तक तथा अन्य क्षेत्रों में सुबह 11.30 से रात 11.30 तक शराब विक्री करने की अनुमति दी गई है. यदि किसी भी अनुज्ञप्ति धारक द्वारा इस नियम का उल्लंघन किया जाता है, तो उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाये. इसके साथ ही किसी भी आबकारी अनुज्ञप्ति के तहत शराब पीने का लाईसेंस रहने वाले व्यक्ति को ही शराब बेचने का नियम है. साथ ही 25 वर्ष की आयु पूर्ण रहने वाले व्यक्ति को ही शराब सेवन का लाईसेंस दिया जाता है और कम से कम 21 वर्ष की आयु पूर्ण रहने वाले व्यक्ति को सौम्य बीयर या सौम्य शराब सेवन हेतु बेची जा सकती है. यानि किसी भी फुटकर शराब व्यक्ति आबकारी अनुज्ञप्ति से 21 वर्ष से कम उम्र वाले किसी भी व्यक्ति को शराब विक्री करने पर प्रतिबंध है. साथ ही शराब पीने का लाईसेंस नहीं रहने पर शराब नहीं बेची जा सकती है. लेकिन इसके बावजूद भी पुणे की घटना से यह स्पष्ट होता है कि, 21 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति सहित शराब पीने का लाईसेंस नहीं रहने वाले व्यक्ति को भी कुछ अनुज्ञप्तिधारकों द्वारा शराब बेची जाती है. साथ ही साथ देर रात तक शराब विक्री का काम चलता रहता है. ऐसे में आबकारी विभाग के सभी अधिकारियों ने अपने-अनले कार्यक्षेत्र अंतर्गत इस बात की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए और इसे लेकर समय-समय पर अभियान भी चलाना चाहिए.
इसके साथ ही यह निर्देश भी जारी किया गया है कि, महाराष्ट्र दारु बंदी कानून 1949 सहित मोटर वाहन परिवहन कानून 1988 के प्रावधानानुसार शराब पीकर वाहन चलाना नियमबाह्य रहने के चलते किसी भी परिमट रुम से शराब पीकर निकलने वाला व्यक्ति शराब के नशे में वाहन न चलाये. इस हेतु सभी परमिट रुम धारकों में अपनी आस्थापना में आवश्यक नोटीस बोर्ड लगाकर जनजागृति करनी चाहिए. इसके अलावा यह भी पाया गया है कि, पुलिस आयुक्तालय में कुछ एफएल-3 अनुज्ञप्ति धारकों द्वारा रात 1.30 बजे के बाद भी शराब विक्री को शुरु रखा जाता है. ऐसे प्रतिष्ठानों पर आबकारी विभाग के अधिकारी समय-समय पर कार्रवाई करते है. परंतु ऐसी कार्रवाई को और अधिक प्रभावी करने हेतु महाराष्ट्र शराब बंदी अधिनियम 1949 की धारा 54 व 56 के अनुसार कार्रवाई प्रस्तावित की जाये.
इसके अलावा इस निर्देश में यह भी कहा गया कि, पुलिस आयुक्तालय परीक्षेत्र में कुछ स्थानों पर विशेषकर मेट्रो सिटी में रुफ टॉप होटल की खुल छत पर शराब विक्री का लाईसेंस नहीं रहने के बावजूद भी शराब विक्री होने की शिकायतें प्राप्त होती है. ऐसे में शराब के नशे के तहत कोई दुर्घटना घटित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जिसके चलते रुफ टॉप रहने वाले होटल की खुली जगह में लाईसेंस नहीं रहने पर शराब विक्री नहीं होगी. इस हेतु आवश्यक उपाय योजना करते हुए संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जानी चाहिए.
* टोल फ्री क्रमांक पर शिकायत करें नागरिक
इस विषय को लेकर जारी परिपत्रक में कहा गया है कि, आबकारी विभाग में उपलब्ध मनुष्यबल और उनके कामों की व्याप्ति का विचार करते हुए एफएल-3 अनुज्ञप्ति धारक आस्थापनाओं में यदि कोई गडबडी या नियमों का उल्लंघन होता है, तो आम नागरिकों द्वारा भी 24 बाय 7 कार्यरत रहने वाली राज्यस्तरीय नियंत्रण कक्ष के टोल फ्री क्रमांक 1800-233-9999 तथा वॉट्सएप क्रमांक 8422001133 पर संपर्क करते हुए जानकारी दी जा सकती है. साथ ही इन दोनों संपर्क क्रमांकों की जानकारी वाला फलक प्रत्येक आबकारी कार्यालय एवं अनुज्ञप्ति के दर्शनीय हिस्से में लगाया जाना चाहिए.
* अन्यथा अधिकारियों को माना जाएगा जिम्मेदार
उपरोक्त निर्देशों पर कडाई से अमल नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार माने जाने की चेतावनी भी इस परिपत्रक में दी गई है. साथ ही कहा गया है कि, उपरोक्त निर्देशों पर कडाई से अमल करने हेतु संबंधित विभागीय उपायुक्तों व अधीक्षकों ने अपने-अपने अधीनस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की सहायता से समय-समय पर विशेष अभियान चलाने चाहिए. इसके साथ ही जिस कार्यक्षेत्रीय अधिकारी के विभाग में बार-बार नियमों का उल्लंघन होता पाया जाता है. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासन भंग की कार्रवाई प्रस्तावित की जाये.