एक्साइज की पदभर्ती में आदिवासियों को केवल तीन सीटे!
ट्रायबल फोरम ने सीएम व डेप्यूटी सीएम से लगाई गुहार
अमरावती/दि.4– राज्य उत्पाद शुल्क विभाग द्वारा जवान (सिपाही) की राज्यस्तरीय पदभर्ती हेतु 568 पदों का विज्ञापन जारी किया गया है. जिसमेें साढे 7 फीसद आरक्षण रहने वाले आदिवासी समाज के लिए केवल 3 पद आरक्षित रखे गए है. जिसके चलते बेरोजगार आदिवासी युवकों के अधिकारों का हनन हो रहा है और उनके भविष्य से जुडे अवसरों में कटौति की जा रही है. अत: राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के आयुक्त द्वारा जारी किए गए विज्ञापन को रद्द किया जाए. इस आशय की मांग ट्रायबल फोरम ने राज्य के मुख्यमंत्री व दोनों उपमुख्यमंत्रियों से की है.
बता दें कि, राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने लघुलेखक, लघुटंक लेखक, जवान, वाहन चालक व चपराशी ऐसे पदों को भरा जाना है. जिसमें आदिवासियों के लिए केवल जवान संवर्ग के 568 पदों में से मात्र तीन पद आरक्षित रखे गए है. इस पद भर्ती में अनुसूचित जाति अन्य पिछडा वर्ग, विशेष पिछडा वर्ग, विमुक्त जमाति, भटक्या जनजाति व आर्थिक दुर्बल घटक जैसे पदों को उनके आरक्षण के प्रतिशत अनुसार आरक्षित पद उपलब्ध हो रहे है. परंतु आदिवासियों के पद किस आधार पर कम किए गए है. यह सवाल ट्रायबल फोरम संगठन द्वारा उपस्थित किया गया है.
* हमें हमारा हिस्सा दो
भारतीय संविधान ने आदिवासी समाज को साढे 7 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया है और हमें नियमानुसार हमारा हिस्सा मिलना ही चाहिए. राज्य उत्पाद शुल्क विभाग की पदभर्ती में आदिवासी समाज पर अन्याय हो रहा है. अत: सरकार ने इस विज्ञापन को रद्द करते हुए सबसे पहले गलत हो चुकी बिंदू नामावली में दुरुस्ती करनी चाहिए और इसके पश्चात नये सिरे से विज्ञापन जारी करते हुए पदभर्ती करनी चाहिए.
– एड. प्रमोद घोडाम,
संस्थापक अध्यक्ष, ट्रायबल फोरम