
* दुराचार के कई मामलों में परिचय वाला व्यक्ति ही आरोपी
* नाबालिग लडकियां होती है ‘सॉफ्ट टार्गेट’
अमरावती/दि.16– कई बार बलात्कार जैसे संगीन मामलों में पीडिता के जान-पहचान वाले व्यक्ति अथवा नजदीकी रिश्तेदार ही शामिल होते है. कई मामलों में तो सगे या सौतेले बाप, मामा, चाचा व भाई द्वारा बलात्कार किए जाने की घटनाएं भी सामने आयी है. उल्लेखनीय है कि, बलात्कार के मामलों में केवल 10 फीसद मामले ही ऐसे होते है, जिनमें किसी अपरिचित व्यक्ति द्वारा बलात्कार किया जाता है. वहीं 90 फीसद मामले में जान-पहचान वाला व्यक्ति मित्र, रिश्तेदार जैसे लोगों का आरोपी के तौर पर समावेश होता है.
ध्यान दिया जा सकता है कि, इन दिनों विवाह का झांसा देकर बलात्कार की घटनाओं में अच्छी खासी वृद्धि हुई है और ऐसी घटनाओं में प्रेमी सहित किसी रिश्तेदार या नजदीकी रिश्तेदार का समावेश रहने की बात भी सामने आयी है. ऐसे आरोपियों के खिलाफ नाबालिग लडकियां एक तरह से ‘सॉफ्ट टार्गेट’ रहती है, ऐसा कहा जा सकता है.* 9 माह में 142 मामले जारी वर्ष में जनवरी से सितंबर माह तक पोक्सो कानून के तहत 142 मामले दर्ज किए गए. इस कालावधि के दौरान नाबालिगों के साथ छेडछाड की घटनाओं में भादंवि की धारा 354 व पोक्सो एक्ट की धारा के तहत 91 तथा नाबालिगों के साथ बलात्कार को लेकर भादंवि की धारा 376 व पोक्सो एक्ट की धारा के तहत 51 एफआईआर, जिले के ग्रामीण पुलिस थानों में दर्ज हुई है.
* किस माह में कितने मामले?
महिना मामले
जनवरी 06
फरवरी 05
मार्च 06
अप्रैल 07
मई 03
जून 05
जुलाई 05
अगस्त 05
सितंबर 09
* घर और स्कूल भी असुरक्षित
– पहला मामला
चिखलदरा तहसील में 16 वर्षीय नाबालिग के साथ बार-बार शारीरिक संबंध बनाए जाने के चलते वह गर्भवती हो गई थी. पश्चात उसे अमरावती के अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर उसकी प्रसूति भी हुई.
– दूसरा मामला
जिले की एक शाला के स्वच्छता गृह में एक नाबालिग लडकी पर शारीरिक अत्याचार का मामला सामने आया था. जिसके चलते लडकियों के चलते शालाएं भी असुरक्षित रहने की बात अधोरेखित हुई थी.
* बच्चों के साथ विशेषकर कम उम्र वाली बच्चियों के साथ लैंगिक शोषण की समस्या बेहद गंभीर है. कई मामलों में आरोपी यह कोई नजदीकी व्यक्ति ही रहता है. ऐसी घटनाओं का बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद विपरित परिणाम पडता है.
– अविनाश बारगल,
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक