महिलाएं ही ला सकती हैं समाज में जनजागृति
विदर्भ माहेश्वरी प्रादेशिक संगठन अध्यक्ष रमेश चांडक का कथन
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विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन की षष्टम कार्यकारिणी सभा संपन्न
अमरावती/दि.24 – विदर्भ माहेश्वरी महिला संगठन स्वयं में सशक्त संगठन है. माहेश्वरी समाज की हर महिला विभिन्न शाखाओं से जुडकर संगठन में कार्य कर रही है. लेकिन अब यह कार्य समाज के जनजागृति के प्रति होना चाहिए और महिलाएं ही समाज में व्यापक स्तर पर जनजागृति ला सकती है. इस आशय का प्रतिपादन विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन के अध्यक्ष एड.रमेश चांडक ने किया.
गत रोज स्थानीय धनराज लेन स्थित माहेश्वरी भवन में अखिल भारतीय माहेश्वरी महिला संगठन अंतर्गत विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन की नवम सत्र की षष्टम कार्यकारिणी सभा का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर विशेष अतिथि के रुप में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही एड. रमेश चांडक ने कहा कि, इन दिनों माहेश्वरी समाज की संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है. ‘हम दो हमारे दो’ इस संकल्पना को बदलकर महिला संगठन को समाज की उन्नति के साथ जनजागृति के लिए निरंतर कार्य करते रहना चाहिए. तभी समाज की 50 फीसदी आबादी कहने वाले महिलाओं का समाज के विकास में योगदान बढेगा.
संगठन की मध्यांचल संयुक्त मंत्राणी उषा करवा की अध्यक्षता में भूतपूर्व राष्ट्रीय संयुक्त मंत्राणी पुष्पलता परतानी, माहेश्वरी पंचायत अध्यक्ष केसरीमल झंवर, प्रदेश अध्यक्ष भारती राठी, वाशिम जिले की जिलाध्यक्ष पद्मा भूत, प्रेमा बंग, अमरावती की माहेश्वरी महिला मंडल की जिलाध्यक्ष रेणू केला, कोषाध्यक्ष सरीता सोनी, नेहा केला, संध्या केला, वरिष्ठ सदस्य तारा माहेश्वरी, प्रकल्प प्रमुख आशा लड्ढा, ज्योत्स्ना तापडिया, प्रचार मंत्री निलीमा मंत्री आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
उषा करवा ने कहा कि विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन सेवा, त्याग, सदाचार इन विचारों को सार्थक कार्य करते हुए महिला सक्षमीकरण की भावना को बढावा दे रहे है. विदर्भ संगठन ने माहेश्वरी समाज का नाम आगे बढाया है. कोरोना महामारी के चलते संगठन ने ऑनलाइन पध्दति से विभिन्न उपक्रम लिये. आने वाले वर्ष में नववर्ष की नवसंकल्पनाओं के साथ संगठन आगे आने का सुझाव उन्होंने दिया.
पुष्पलता परतानी ने कहा कि संगठन में समय के साथ महिलाओं का सहभाग बढने लगा है. जिसके कारण अब विदर्भ संगठन की पहचान होने लगी है. उनके कार्य को लोग जानने का प्रयास कर रहे है. हर सखियों को आने वाले समय में एक साथ एक मंच पर रहकर कार्य करना होगा. माहेश्वरी समाज का नाम हमेशा लोगों के दिल-दिमाग पर छाया रहे यह प्रयास करें.
केसरीमल झंवर ने कहा कि माहेश्वरी पंचायत व भवन समिति हमेशा ही महिला संगठन को सहकार्य करता रहा है. माहेश्वरी पंचायत ने माहेश्वरी आधार समिति की है. इस संगठन की देश में पहली बार स्थापना का श्रेय अमरावती के पंचायत को मिलता है. इसी प्रकार आने वाले समय में महिला संगठन व्दारा कुछ हट के करने का प्रयास करें. जिसे माहेश्वरी पंचायत हमेशा सहयोग देगा, ऐसा सुझाव उन्होंने दिया.
संगठन की प्रदेश अध्यक्षा भारती राठी ने कहा कि कोरोना काल में विगत 2 वर्षों में संगठन ने ऑनलाइन पध्दति से कार्यक्रमों का नियोजन कर उसे सफलता से पूर्ण किया है. आने वाले समय में भी इसी प्रकार नियोजन के साथ कार्यक्रमों का आगाज किया जाए. जिला स्तर पर चलाए गए कार्यक्रमों में महिलाओं को प्रोत्साहित कर उन्हें ऑनलाइन प्लैटफार्म उपलब्ध करवाने की कोशिश की गई. जिसके कारण आज विभिन्न क्षेत्र की माहेश्वरी महिला संगठनाएं विदर्भ व प्रादेशिक संगठनाओं से जुडने की इच्छाएं जाहीर करने लगी है. यह एक बडी उपलब्धी है. जिसका भविष्य में लाभ लेकर संगठन को मजबूत करने के साथ ही माहेश्वरी समाज के उन्नति के लिए कार्य करने का आह्वान उन्होंने किया.
कार्यक्रम में तारा माहेश्वरी ने कैन्सर से लडने का और इस विषय पर चर्चासत्र का आयोजन करने की बात कही. वहीं प्रकल्प प्रमुख आशा लड्ढा ने ऑनलाइन की भाती अब भविष्य के ऑफलाइन कार्यक्रमों को सहयोग देने का आह्वान किया. कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष रेणू केला व वाशिम जिलाध्यक्ष पद्मा भूत ने संगठन के कार्य की जानकारी दी. कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन तथा भगवान महेश की प्रतिमा पूजन से की गई. भावना बंग ने महेश वंदना प्रस्तुत कर गौरी लड्ढा ने स्वागत गीत पेश किया. जिला कोषाध्यक्षा सरिता सोनी, ज्योत्स्ना तापडिया ने आय-व्यय का ब्यौरा पेश किया. प्रचार मंत्री निलीमा मंत्री ने रिपोर्ट पेश की.