अमरावती-/दि.31 महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग तथा महानगर पालिका की अनदेखी के चलते शहर में कई स्थानों पर सडकों के किनारे व बीचोंबीच नाली व भूमिगत चेंबर के मुहाने खुले हुए है, जो किसी भी समय घातक व जानलेवा साबित हो सकते है, क्योंकि इनमें वाहनों के फंसकर सडक हादसे घटित होने की संभावना बनी हुई है.
बता दें कि, शहर में ड्रैनेज चेंबर, नाली तथा वायरिंग डक के मुहाने को सुस्थिति में रखने का काम संबंधित महकमे का रहता है. वही कई बार नागरिकों की अति होशियारी की वजह से नालियों व ड्रैनेज के मुहाने खुले रह जाते है. इन चेंबरों पर भारी-भरकम वाहन खडा करने अथवा चेंबर के ढक्कण में से कांक्रीट के भीतर रहनेवाले लोहे को चुराने जैसी घटनाओं की वजह से इसका नुकसान होता है और नालियों व चेंबरों के मुंह खुले रह जाते है. जिनमें वाहन चालक व पैदल राहगीर जाकर कई बार गिर पडते है. शहर में अब तक ऐसी कई घटनाएं घटित हो चुकी है. लेकिन बावजूद इसके सुरसा के मुंह की तरह खुले इन चेंबरों व नालियों को बंद करने का अब तक संबंधित महकमों को मुहूर्त भी नहीं मिला है.
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शहर में ड्रैनेज, चेंबर, नाली व वायरिंग डक के ढक्कण सुस्थिति में है अथवा नहीं, इसकी पूरी जानकारी ली जायेगी और आवश्यक कदम उठाये जायेंगे.
– रविंद्र पवार
शहर अभियंता, मनपा
आखिर जिम्मेदारी किसकी
जिन महकमों ने शहर में चेंबर बनाये, भूयारी गटर योजना चलाई, ऐसे संबंधित विभागों पर ही उनके द्वारा किये गये गढ्ढों को बुझाने व ढांकने की जिम्मेदारी है. किंतु अक्सर संबंधित महकमों द्वारा इन जिम्मेदारियों को दूसरों पर ढकेला जाता है.
इन स्थानों पर संभलकर चले
-विलास नगर रोड
राम-लक्ष्मण संकुल से विलासनगर की ओर जाते समय रास्ते के बिल्कुल बीचोंबीच हादसों को निमंत्रण देता खुला चेंबर है.
जयस्तंभ चौक
शहर के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र जयस्तंभ चौक में व्यापारी संकुल के पास स्थित तीन फीट गहरी नाली कई जगहों पर खुली हुई है. जिसमें कोई भी व्यक्ति कभी भी गिर सकता है.
राजकमल चौक
शहर में सर्वाधिक भीडभाड रहनेवाले राजकमल चौक में भी वनिता समाज से बडनेरा रोड की ओर मुडनेवाली सडक के ऐन मोड पर स्थित चेंबर भी किसी भी समय जानलेवा साबित हो सकता है.
इर्विन चौक – मालवीय चौक
इर्विन चौक से मालवीय चौक की ओर जानेवाले रास्ते पर हनुमान मंदिर के पास सडक थोडी निचली है. जिसके चलते यहां पर उडान पूल की दीवार तक पानी जमा हो जाता है और सडक पर रहनेवाले गढ्ढों का अंदाजा ही नहीं आता.
बारिश की वजह से अंदाजा नहीं आता
जहां एक ओर सडकों पर कई चेंबर खुले पडे है, वहीं कई सडकों पर आधा-आधा फीट गहरे गढ्ढे भी है. जिनमें झमाझम बारिश के समय पानी भर जाता है और ऐसे समय रास्ते से गुजरनेवाले लोगों को इसका अंदाजा नहीं आ पाता. जिसके चलते कई बार हादसे घटित होते है.