अमरावती

कपास के खुले बाजार में तेजी

पणन के शासकीय केंद्र अब भी अनिश्चित

अमरावती/दि.5 – निजी खरीदी केंद्र पर कपास को समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिलने के कारण पणन महासंघ के केंद्र की मांग फिलहाल किसानों व्दारा नहीं की जा रही है. पणन को इस कारण दिलासा मिला है फिर भी निश्चित निर्णय 27 नवंबर के बाद होगा. दरमियान खरीदीदारों ने इस बार कपास में तेजी रहने के संकेत दिए हैं. इस तेजी के कारण पणन को इस बार कपास मिलने की संभावना कम है.
अमरावती यह कपास उत्पादन का जिला होकर जिले में इस बार 2 लाख 26 हजार हेक्टर क्षेत्र कपास क था. ऐन मौसम में हुई अतिवृष्टि व संततधार बारिश के कारण सोयाबीन,मूंग व उड़द सहित कपास को भी फटका लगा है. कपास को इस बार बोंड सड़ने सहित अन्य बीमारी का सामना करना पड़ा. इस कारण प्रतवारी सहित उत्पादन कम हुआ. दरमियान दशहरे से निजी कपास खरीदी का मुहूर्त खरीदीदारों ने साधा है.
जिले में अमरावती,धामणगांव रेल्वे,दर्यापुर, अंजनगांवसुर्जी, अचलपुर इन बाजार समिति क्षेत्र में निजी खरीदी केंद्र शुरु हुए हैं. 8 हजार से अधिक प्रति क्विंटल दाम कपास को निजी केंद्र पर मिलने लगा है. इस कारण किसानों में खुशी का वातावरण है.मात्र कपास का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम होने से चढ़ते दाम का लाभ किसानों को कम मिल रहा है. कोरडवाहू पट्टे में प्रति एकड़ में सात से आठ क्विंटल व गीले पट्टे में दस क्विंटल तक आने की बात किसानों ने कही. बताया गया है कि इस खरीफ में कोरडवाहू की अपेक्षा अधिक नुकसान गीले के खेत में हुआ है.
कपास को चुनना शुरु होने के साथ ही नया कपास बाजार में आया है. निजी केंद्र पर चढ़ते दाम मिलने से किसान फिलहार उसी ओर रुख कर रहे हैं. कपास के दाम में ऐसे तेजी कायम रहने की संभावना खरीदारों ने दर्शायी है. शासन ने कपास को 6 हजार 25 रुपए दाम दिया है. इसकी अपेक्षा अधिक दाम निजी केंद्र पर खरीदीदार देने के कारण किसान निजी केंदओ्र को पसंद कर रहे हैं.पणन महासंघ के अधिकारियों ने बताया कि शासकीय केंद्र के लिए कही से भी मांग नहीं हुई है.

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