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खुलेआम हो रही नायलॉन मांजा की बिक्री

संक्रांत आने के मद्देनजर चायना मांजे की बिक्री बढी

* पर्यावरण विभाग का कोई ध्यान नहीं
* पुलिस व मनपा द्वारा कभी-कभार कार्रवाई
अमरावती/दि.6– इन्सानों सहित पशु-पक्षियों के लिए बेहद खतरनाक व जानलेवा रहनेवाले नायलॉन यानी चायना मांजे के बिक्री व उत्पादन पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बावजूद भी इस मांजे की शहर सहित जिले में धडल्ले के साथ बिक्री होती है. यह अब तक पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से साफ हो चुका है. साथ ही यह भी पता चला है कि, नायलॉन मांजा मांगनेवाले व्यक्ति के बारे में पूरी पडताल व पुष्टि करने के बाद ही शहर के कुछ विशिष्ट इलाकों से यह मांजा बिक्री हेेतु उपलब्ध कराया जाता है. वहीं इन दिनों जैसे-जैसे संक्रांत का पर्व नजदिक आ रहा है, वैसे-वैसे शहर के आसमान पर पतंगों का लहराना भी शुरू हो गया है. इनमें से अधिकांश पतंगे नायलॉन मांजे का प्रयोग करते हुए ही उडाई जा रही है. किंतु इसकी ओर मनपा के पर्यावरण विभाग का कोई ध्यान नहीं है. साथ ही मनपा एवं राजस्व प्रशासन द्वारा अपनी जिम्मेदारियों से लगभग पल्ला झाडा जा रहा है.
बता दें कि, नायलॉन मांजा की वजह से कई लोगों तथा पशु-पक्षियों की मौतें होने के बाद सरकार द्वारा इसके उत्पादन व बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया. लेकिन अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तरह नायलॉन मांजे की भी प्रतिबंध लगने के बाद दोगुना अधिक दरों पर बिक्री होनी शुरू हो गई. हालांकि पुलिस की कार्रवाई एवं नजरों से बचे रहने हेतु अधिकांश विक्रेताओं द्वारा अपनी दूकानों पर बाकायदा बोर्ड लगाकर रखा गया है कि, उनके यहां चायना मांजा नहीं मिलता है. लेकिन हकीकत यह है कि, दो पैसे की अतिरिक्त कमाई के चक्कर में लगभग हर ओर चायना मांजा धडल्ले के साथ बेचा जा रहा है.

* 299 सेे 999 रूपये तक उपलब्ध
शहर में अलग-अलग कंपनियों का नायलॉन मांजा बिक्री हेतु आता है, जो 299 से 999 रूपये तक बिकता है. साथ ही केवल जनवरी माह में ही नहीं, बल्कि पूरे सालभर इस मांजे की बिक्री होती है और नागपुरी गेट व गाडगेनगर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत कुछ विशिष्ट इलाकों से इस मांजे की पूरे शहर में आपूर्ति होती है. किंतु इसके बावजूद भी मनपा के पर्यावरण विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. वहीं पुलिस द्वारा कभी-कभार चायना मांजे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है.

* जान-पहचानवाले ग्राहकों के लिए ही माल उपलब्ध
कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत साबनपुरा व खापर्डे बगीचा, फ्रेजरपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत राहुल नगर व बिच्छुटेकडी, गाडगेनगर पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत टॉवर लाईन परिसर, बडनेरा पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत जुनी बस्ती बडनेरा, नागपुर गेट पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत वलगांव रोड व उस्मान नगर इन क्षेत्रों में इससे पहले पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए बडे पैमाने पर नायलॉन मांजा बरामद किया गया था. किंतु अब भी इनमें से अधिकांश इलाकों में नायलॉन मांजे की बिक्री चल रही है. हालांकि अब मांजा विक्रेताओं द्वारा पुलिस कार्रवाई से बचने हेतु केवल अपनी जान-पहचानवाले ग्राहकों को ही नायलॉन मांजा उपलब्ध कराया जाता है और किसी भी अनजान व्यक्ति से साफ तौर पर कहा जाता है कि, उनके यहां नायलॉन मांजे की बिक्री नहीं होती. मजे की बात यह भी है कि, नायलॉन मांजे की बिक्री करनेवाले अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर बाकायदा बोर्ड लगा रखा है कि, ‘यहां नायलॉन मांजा नहीं मिलता, कृपया मांग कर अपना अपमान न करवाये’.

* पांच लोगोें के खिलाफ हो चुकी कार्रवाई
गत वर्ष 10 दिसंबर को पुलिस आयुक्त के विशेष पथक ने बोहरा गली परिसर में एक व्यक्ति को प्रतिबंधित नायलॉन मांजे की बिक्री करते हुए पकडा था. वहीं इससे पहले जून माह के दौरान भी स्थानीय अपराध शाखा तथा सीपी के विशेष पथक द्वारा शहर में चार लोगों को नायलॉन मांजा बिक्री मामले में गिरफ्तार किया गया था.

* ऑनलाईन बिक्री भी प्रतिबंधित
बता दें कि, विगत दिनों ही शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने ऑनलाईन व ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा की जानेवाली नायलॉन मांजे की खरीदी-बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया था. साथ ही कहा था कि, यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा ऑनलाईन तरीके से नायलॉन मांजा मंगवाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति सहित नायलॉन मांजे की होम डिलीवरी देनेवाली ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ भी पुलिस द्वारा कार्रवाई की जायेगी.

* 7 वर्षीय बच्चे सहित 23 वर्षीय युवती की गई थी जान
– 69 पक्षियों की भी हुई थी मौत
जनवरी 2020 में धामणगांव रेल्वे तहसील के वसाड गांव में 7 वर्षीय बच्चे का नायलॉन मांजे की वजह से गला कटकर मौत हो गई थी. वहीं जून 2021 में दिव्या शंकरराव गवई नामक 23 वर्षीय युवती का नायलॉन मांजे की वजह से गला कट गया था और अस्पताल पहुंचाने से पहले ही इस युवती की मौत हो गई थी. इसके अलावा जनवरी 2019 से दिसंबर 2021 तक कुल 69 पक्षियों की भी नायलॉन मांजे की चपेट में आकर मौत हो चुकी है. किंतु इसके बावजूद भी नायलॉन मांजे का प्रयोग कर पतंगबाजी करने का शौक कम नहीं हो रहा और शहर सहित जिले में बडे धडल्ले के साथ नायलॉन मांजे की बिक्री हो रही है.

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