शिक्षा अखंडित रखने सहित सामाजिक बंधुत्व का भी जतन करता है मुक्त विद्यापीठ
कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक बारगल के विचार
अमरावती/दि.6 – यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ के स्थानीय विभागीय केंद्र यह शिक्षा से वंचित व्यक्तियों को उच्च शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाने के साथ ही सामाजिक बंधुत्व का भी जतन करता है. यह बात निश्चित ही प्रशंसनीय है. ऐसे गौरवोद्गार जिला पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल ने व्यक्त किए. मुक्त विद्यापीठ के अमरावती विभागीय केंद्र द्वारा ऑनलाईन प्रवेश, संपर्क सत्र, परीक्षा व अभ्यास केंद्र व्यवस्थापन विषय पर विद्याभारती महाविद्यालय के सभागृह में आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर वे बोल रहे थे. विभागीय केंद्र के वरिष्ठ शैक्षणिक सलाहकार प्रा. डॉ. अंबादास मोहिते की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में निवासी उपजिलाधिकारी आशिष बिजवल, सहयोगी सलाहकार प्रा. रमेश काल व सहायक कुलसचिव मनोज घंटे प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
मुक्त विद्यापीठ ने पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए शुरु किया गया विशेष एमबीए शिक्षाक्रम अत्यंत प्रभावी व उपयुक्त था. ऐसा कहते हुए बारगल ने आगे कहा कि जिन्होंने यह शिक्षाकक्रम पूर्ण किया उनकी कामगिरी में गुणात्मक बदलाव पाया गया. इस अपने विचार व्यक्त करते हुए आशिष बिजवल ने कहा कि दृष्टि बाधित, कारागृह के कैदी, आत्महत्याग्रस्त किसानों के पाल्य व कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के पाल्यों के लिए निःशुल्क शिक्षा की सुविधा उपलब्ध करवाने विद्यापीठ का कार्य प्रशंसनीय है. उनके अनुसार कोविड से मृत हुए अनेक व्यक्तियों के घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब होने से उनके पाल्यों की पढ़ाई का प्रश्न निर्माण हुआ है. अमरावती संभाग के मुक्त विद्यापीठ के अभ्यास केंद्रों ने अपने-अपने तहसीलों के तहसीलदारों से कोविड के कारण मृत व्यक्तियों की सूची लेकर आपत्तिग्रस्त परिवारों तक पहुंचे व उनके पाल्यों को निःशुल्क उच्च शिक्षा का लाभ दिलवाये, ऐसा आवाहन बिजवल ने किया.
उद्घाटन समारोह में बारगव व बिजवल के हाथों मुक्त विद्यापीठ की विविध परीक्षा में राज्य में गुणवत्ता सूची में प्रथम आये अमरावती संभाग की अंकिता राहुल तोडे (बीएससी), शकिलखान हुसेन खान पठान (बीएड), नम्रता गोपाल शिंदे (एम कॉम) व विशाल समाधान वानखडे (बी.कॉम.) इन विद्यार्थियों का विद्यापीठ के स्वर्ण पदक, प्रमाणपत्र, पौधा व दुपट्टा देकर गुणगौरव किया गया. प्रास्ताविक में प्रा.डॉ.अंबादास मोहिते ने अतिथियों का परिचय करवाया व यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ की गतिविधियों व कार्यशाला तथा आयोजन की भूमिका विशद की. संचालन विवेक गुल्हाने एवं आभार प्रदर्शन प्रा. रमेश काले ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों के हाथों यशवंतराव चव्हाण की प्रतिमा का पूजन व दीप प्रज्वलन किया गया. कार्यक्रम की सफलतार्थ विनोद इंगले, मयुरेश सालुंके, गोरख पवार, सुनीता कानडे, अब्दुल रझ्झाक, सागर उज्जैनकर, राहुल गायकवाड़, प्रवीण धर्माले, सागर कडू आदि ने परिश्रम किया.
चार सत्रों में हुई कार्यशाला, प्रतिनिधियों द्वारा उपस्थित प्रश्नों का किया निराकरण
नये अभ्यास केंद्रों के केंद्र संयोजक व सहायकों के लिए आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला के प्रथम सत्र में विवेक गुल्हाने व अब्दुल रज्जाक ने प्रवेश प्रक्रिया के बारे में तो द्वितीय सत्र में प्रा. रमेश काले ने केंद्र संयोजक, समंत्रक मान्यता व संपर्क सत्र आयोजन करने बाबत जानकारी दी. रामनाथ मालुंजकर ने परीक्षा पद्धति तो मनोज घंटे ने वित्तीय कामकाज के बारे में जानकारी दी. कार्यशारा के चतुर्थ सत्र में प्रतिनिधि द्वारा उपस्थित किए गए प्रश्नों का निराकरण किया गया.