अमरावती प्रतिनिधि/१५ – केंद्र सरकार की ओर से निजीकरण करने की नीति को अमल में लाने की कोशिश की जा रही है. इस निजीकरण की नीतियों का विरोध संयुक्त केंद्रीय कामगार संगठन कृति समिति व संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जताया जा रहा है. इसी कड़ी में देशव्यापी निजीकरण विरोध दिवस का आयोजन आज किया गया. जिला ट्रेड यूनियन की ओर से निजीकरण का विरोध करते हुए जिलाधिकारी को निवेदन दिया गया.
निवेदन में बताया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग व सेवा का निजीकरण, विदेशी निवेश की नीतियों को रद्द करने, बैंक, बीमा, रेल्वे सुरक्षा, ऊर्जा, खदान, स्वास्थ्य, शिक्षा, अन्न सुरक्षा आदि क्षेत्रों के सार्वजनिक उद्योग व सेवाओं में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर उन्हें मजबूत किया जाये, बिजली अधिनियम 2020 रद्द किया जाये, किसान विरोधी तीन कृषि कानून तत्काल वापस लिया जाये, शिक्षा का निजीकरण, बाजारीकरण को बढ़ावा देने वाले नये राष्ट्रीय शैक्षणिक नीति को रद्द किया जाये, पेट्रोलियम पदार्थों व जीवनावश्यक वस्तुओं के टैक्स में कटौती कर दाम नियंत्रित करें, राशन प्रणाली को मजबूत करें, आदि मांगें की गई. निवेदन सौंपते समय डी.एस. पवार, चंदू बानुबाकोडे, सुभाष पांडे, तुकाराम भस्मे, रमेश सोनुले, जे.एम. कोठारी, राजेन्द्र भांबोरे, निलकंठ ढोके, महेश जाधव मौजूद थे.