अमरावती

केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों का किया विरोध

अखिल भारतीय प्रतिरोध दिन पर जताया निषेध

  • जिला ट्रेड यूनियन कॉउंसिल ने सौंपा जिलाधिकारी को निवेदन

    अमरावती प्रतिनिधि/दि.२३ – केंद्र सरकार की जनविरोधी व कामगार विरोधी धोरण को लेकर आज अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिरोध दिवस मनाया गया. जिसमें अमरावती जिला कामगार संगठना द्वारा निषेध जताकर जिलाधिकारी को निवेदन सौंपा गया. २३ सितंबर राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस के रुप में मनाया जाता है. जिसमें कामगार संगठनाओं द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर यह दिन मनाया गया. इसी श्रृंखला में शहर में भी प्रतिरोध दिवस के अवसर पर सरकार की नीतियों का विरोध किया गया.
    उल्लेखनीय है कि ९ अगस्त भारत छोडो दिन को कामगार संगठना भारत बचाओं दिन के रुप में संपूर्ण देशभर में मनाती है. उसी प्रकार १८ अगस्त यह दिन केंद्रीय कामगार संगठना ने सार्वजनिक क्षेत्र बचाओं व देश बचाओं की घोषणा देकर मनाया था. आज मनाए गए प्रतिरोध दिन के अवसर पर जिलाधिकारी को निवेदन सौंपकर संगठना द्वारा कहा गया है कि सभी के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवा केंद्र खोले जाए, जरुरतमंदों को १० किलों मुफ्त अनाज दिया जाए, जिन्हें आयकर लागू नहीं है ऐसे परिवारों को ६ महीने मासिक ७५०० रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए, मनरेगा अंतर्गत ६०० रुपए रोज पर २०० दिन काम दिया जाए या बेरोजगारी भत्ता दिया जाए.
    उसी प्रकार शहरी क्षेत्र में रोजगार हमी योजना का कानून लागू किया जाए. कोविड-१९ की निशुल्क जांच व निशुल्क औषध उपचार किया जाए. नया शैक्षणिक धोरण पीछे लिया जाए. कोरोना काल में आशावर्कर, आंगनवाडी सेविका, स्वास्थ्य कर्मचारी, सुरक्षा कर्मचारियों को सुविधा प्रदान की जाए ऐसी मांग की गई. इस समय जिला टे्रड यूनियन के अध्यक्ष उदय शर्मा, पी.बी.उके, डी.एस.पवार, चंदू बानुबाकोडे, सुभाष पांडे, सुनील देशमुख, के.एम. कोठारी, राजेंद्र भामोरे, नीलकंठ ढोके, रवींद्र धूमाले, कमलाकर वनवे, जयेश चंडक, प्रफुल्ल देशमुख, रमेश सोनुले, महेश जाधव, सफिया खान, वंदना बुरांडे, पद्मा गजभिये, विद्या रामटेके, मीरा कैथवास, इंदू बोके उपस्थित थे.

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