नवाथे मल्टीप्लेक्स के कार्यवृत्तांत पर विपक्षी पार्षदों का आक्षेप
सत्ताधारी दल के ‘वे’ सदस्य भी विरोध में
अमरावती/दि.18 – स्थानीय नवाथे चौक में बनने जा रहे प्रस्तावित मल्टीप्लेक्स के लिए प्रकल्प नियोजन समिती (पीएमसी) नियुक्त करने के मसले को लेकर विगत माह की आमसभा का कार्यवृत्तांत मंजुर व कायम करने को लेकर मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत सहित विपक्ष में शामिल पार्षदों द्वारा जबर्दस्त विरोध किया गया. इसमें भी सबसे खास बात यह रही कि, सत्ताधारी दल में शामिल कई नगरसेवक भी पीएमसी के खिलाफ विपक्षी पार्षदों के सूर में सूर मिलाते हुए इस प्रकल्प का विरोध करना शुरू किया.
बता दें कि, विगत आमसभा के दौरान हंगामे के बीच पीएमसी नियुक्त करने का प्रस्ताव महापौर द्वारा मंजूर किया गया था. किंतु उस समय अधिकांश नगरसेवकों द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा था. ऐसे में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूर किया गया, ऐसा नहीं कहा जा सकता. अत: नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने इस विषय पर मतदान कराये जाने की मांग की. जिसका पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले व मिलींद चिमोटे सहित प्रकाश बनसोड व निलीमा काले ने भी समर्थन किया. इन सदस्यों का कहना रहा कि, यदि इस विषय को नियमबाह्य तरीके से मंजूरी दी जा रही है, तो इस पर प्रशासन प्रमुख के रूप में आयुक्त द्वारा अमल न किया जाये. साथ ही विपक्षी सदस्यों के विरोध को दर्ज किया जाये. इस मांग के अनुरूप महापौर चेतन गावंडे ने विपक्षी पार्षदों के विरोध को ऑन रिकॉर्ड लिया.
दो-चार सदस्यों की मर्जी पर काम कर रहे महापौर
– नेता प्रतिपक्ष शेखावत ने लगाया आरोप
वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत का कहना रहा कि, सत्ता पक्ष के दो-चार सदस्यों के इशारे पर महापौर द्वारा काम किया जा रहा है और वे ठोस फैसला लेने में टालमटोल कर रहे है. साथ ही सत्ता पक्ष द्वारा मनमाने ढंग से काम करते हुए एकतरफा फैसले लिये जा रहे है. जिसके लिए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. किंतु इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. अत: प्रशासन द्वारा इस बात का खयाल रखा जाये की आगे इस तरह से नियमबाह्य काम न हो.
इस मांग को लेकर विपक्षी पार्षदों की ओर से निगमायुक्त प्रशांत रोडे को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है, जिस पर नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, स्वीकृत सदस्य मिलींद चिमोटे, पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले, पार्षद राजेंद्र तायडे, प्रशांत वानखडे, प्रकाश बनसोड, धीरज हिवसे व गोपाल धर्माले के हस्ताक्षर है.