अमरावतीमहाराष्ट्र

विपक्ष को दिखी खामियां, जानकारों ने की सराहना

अंतरिम बजट पर ‘अमरावती मंडल’ को प्रतिक्रिया का सिलसिला जारी

अमरावती/ दि.2– वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण द्बारा संसद में प्रस्तुत अंतरिम बजट को लेकर पक्ष- विपक्ष से सतत प्रतिक्रियाएं अमरावती मंडल को प्राप्त हो रही है. सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों ने बजट की सराहना की. विपक्ष के विधायक बलवंत वानखडे सहित पदाधिकारियों ने बजट में खामियां ढूंढी. व्यापार जगत सहित अर्थक्षेत्र के जानकारों ने बजट प्रावधानों की यह कहते हुए प्रशंसा की कि इससे देश में अर्थव्यवस्था को बढावा मिलेगा, गति मिलेगी. बडे प्रमाण में काम धंधे बढकर रोजगार सृजन होगा.

* चॉकलेट बजट
दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे ने अंतरिम बजट को चुनाव को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किए जाने का आरोप किया. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक परिस्थिति रसातल में पहुंचाने का काम हो रहा है. देशवासियों से धोखा हो रहा है. किसानों की फसल को दाम नहीं मिल रहे. प्राकृतिक आपदा का सामना करते हुए उनकी हालत खराब हो रही है. अर्थसंकल्प से केवल चॉकलेट दिखाने का काम किया गया. यह नीति राज्य और देश को पीछे ले जायेगी.

* सर्वसमावेशक अर्थसंकल्प
बडनेरा के विधायक रवि राणा ने बजट को प्रशंसनीय बताया. उन्होंने कहा कि सभी घटकों का विचार किया गया है. किसान, महिला, युवा, गरीबों सहित सभी के लिए अर्थसंकल्प में विविध योजनाएं घोषित की गई है. लोगों का घर का सपना यह बजट साकार करेगा. देश की विकास की गति काफी बढेगी. सर्वांगीण, सर्वसमावेशक, सर्वस्पर्शी ऐसा यह अर्थसंकल्प रहने की बात विधायक राणा ने कही.

* सूर्योदय योजना बेहतरीन
इसीई इंडिया के मुख्य संचालक अमित आरोकर ने बजट की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का योग्य उपयोग करने लायी गई सूर्योदय योजना बेहतरीन हैं. इस योजना को विस्तृत रूप दिया जा रहा है. वित्त मंत्री ने सदन में बहुत सुंदर तरीके से योजना को रखा है. 1 करोड घरों पर रूफ टॉप सोलर लगाए जाने और घरों में 300 यूनिट सौर बिजली नि:शुल्क देने का प्रावधान है. यही इसीई इंडिया का ध्येय है. पृथ्वी को प्रदूषणमुक्त बनाकर आनेवाली पीढी हेतु स्वच्छ सुंदर वातावरण का हमारा लक्ष्य है, ऐसी योजनाओं का सामान्य जनों तक लाभ पहुंचने पर निश्चित ही आनंद होगा.

* विविध क्षेत्रों में सुधारों में यश
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डॉ. दि. व्य. जहांगीरदार ने कहा कि अंत रिम बजट में टैक्स में राहत मिलने की अपेक्षा पूरी नहीं हुई. किंतु अगले बजट में यह बदलाव संभव है. वित्त मंत्री महोदया ने यह बिल्कुल सही कहा कि विविध क्षेत्र में सुधार में सफलता मिलती दिखाई पड रही है. अधोसंरचना निर्माण का उनका स्पष्ट इरादा अर्थसंकल्प में झलक रहा है. बडी कंपनियों को टैक्स में राहत पर आश्चर्य जताया जा रहा है. बेरोजगारी के बारे में नियोजन होना चाहिए था.
फोटो- अमोल ठाकरे

* 300 यूनिट मुफ्त बिजली सकारात्मक कदम
श्री प्रभु सॉफ्टलिंक प्रा. लि. के संचालक अमोल ठाकरे ने कहा कि सोलर योजना से 1 करोड घरों को 300 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली का प्रावधान सकारात्मक कदम हैं. इससे अपारंपारिक उर्जा को प्रोत्साहन मिलने के साथ पर्यावरण का भी रक्षण होने में मदद होगी. ठाकरे ने कहा कि पिछली बार के स्लैब कायम रहने से आयकर दाताओं को राहत नहीं है. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में भी कोई बढोत्तरी नहीं की गई है. जुलाई में प्रस्तावित बजट पर अब देशवासियों की निगाहे रहेगी.

 * उम्मीद से आगे का बजट
फाइनेंशियल ईयर 2025 में 11.11 लाख करोड का कैपेक्स का ऐलान यह भारत की ग्रोथ स्टोरी को बहुत सपोर्ट करेगा. इस बजट में ध्यान रखा गया है कि विदेशी निवेशक भारत में आए, क्योंकि जो विदेशी निवेशकों का पैसा भारत में आयेगा तो इंडिया ग्रोथ स्टोरी और भी तेजी से आगे बढेगी और विदेशी निवेशक डेट फंड में भी निवेश करें. क्योंकि ब्याज दरों में जब कमी होगी तो डेट फंड को भी उतना ही फायदा होगा. साथ ही इक्विटी को भी अच्छे वेल्यूएशन मिलेंगे. वैसे भी इस बजट से ज्यादा एनालिसिस करके फायदा नहीं है. क्योंकि 3 महिने बाद दोबारा बजट पेश होगा.
– संतोष बेहरे,
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर,
ग्रो लक्ष्मी फिनसर्व प्रा. लि.

* बढा-चढाकर बताए आंकडे
शिवसेना उबाठा जिला प्रमुख सुनील खराटे ने निर्मला सीतारामन के बजट की आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव को सामने रखकर बजट तैयार किया गया है. केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं. आंकडे बढा-चढाकर रखे गए हैं. मोदी सरकार हमेशा की तरह सामान्य लोगों के साथ खेल कर रही है. युवा, किसान, महिला, उद्योग क्षेत्र के लिए एक भी घोषणा नहीं की गई है. हुकूमशाही सरकार से अपेक्षा भी नहीं है.

* उद्योजकों की निराशा
उद्यमी अमोल चवणे ने कहा कि अंतरिम बजट से उद्योग क्षेत्र में निराशा है. क्योंकि कोई विशेष प्रावधान उद्योगों हेतु नहीं किया गया है. कर रचना में बदलाव की अपेक्षा थी, वह पूरी नहीं हो सकी. उसी प्रकार नौकरदार वर्ग को भी राहत नहीं मिली है. उद्योगों को बढावा देने के लिए बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है.

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