अमरावती

धारणी को मध्य प्रदेश में शामिल करने का विरोध

विधायक पटेल ने कहा मेलघाट वासियों का नहीं है वहां भविष्य

धारणी/दि.10 – धारणी तहसील के कुछ सामाजिक संगठना ने धारणी को मध्य प्रदेश में शामिल करने की मांग की है. ऐसे में मेलघाट के 2 लाख 82 हजार 138 वासियों का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रहार के विधायक राजकुमार पटेल ने धारणी को मध्य प्रदेश में शामिल करने का स्पष्ट विरोध किया. उन्होंने कहा कि, मध्य प्रदेश में मेलघाट वासियों का वर्तमान और भविष्य भी ठीक नहीं है.
बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि, शुुरुआत में कर्नाटक सीमा विवाद पिछले कई सालों से चल रहा है. उसको मेलघाट से जोडना कुछ अवसरवादियों के दिमाग की उपज है. मेलघाट में पेसा कानून है. जो आदिवासी जनता के लिए सुरक्षा कवच है. अपनी जन्मभूमि, कर्मभूमि छोडना सरासर गलती है. अपने जडो से टूटकर बिखरने वाले लोगों से पूछो कि, उनका दुख-दर्द कैसा है. वे आज भी अपने अस्तित्व के लिए लडाई लड रहे है. उन्होंने यह भी कहा कि, मेलघाटवासी जहां है जैसे है ठीक और सही सलामत है. उदाहरण के तौर पर विधायक पटेल ने बताया कि, मेलघाट के जिन गांव का दूसरे प्रांतों में पुनर्वास हुआ है, वे आज भी सुविधा सहुलियतों से दूर है. जो मेलघाट में है वह कही भी नहीं है. जो लोग धारणी को मध्य प्रदेश में जोडने की बात बोल रहे है. उन्हें जनता को विश्वास में लेना चाहिए. मेरा स्पष्ट विरोध है. दूसरे प्रदेश में जाकर अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने जैसा होगा. मध्य प्रदेश में जाना यह बात कहने-सुनने को अच्छी है. परंतु सच्चाई में सोचने वाली बात है. आज हम अपनी सरकार, प्रशासन से लड-झगडकर सुविधा प्राप्त कर सकते है. विधायक पटेल ने जोर देते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश में शामिल होते है, तो केवल नुकसान होगा. पटेल ने आवाहन करते हुए कहा कि, अपने स्वार्थ और मर्जी को जनता पर थोपकर उनका नुकसान न करें, मेलघाट में ही हम सही सलामत और भले है, ऐसा भी विधायक राजकुमार पटेल ने स्पष्ट किया.

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