अमरावती

शंकर नगर में गैस शवदाहिनी लगाने का विरोध

नागरी सुरक्षा कृति समिती ने दी आंदोलन की चेतावनी

अमरावती/दि.20 – जिला व मनपा प्रशासन द्वारा शंकर नगर की हिंदू श्मशान भूमि में गैस शवदाहिनी लगाने के साथ ही यहां पर कोरोना संक्रमण की वजह से मृत हुए लोगों का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय का शंकर नगर परिसर की नागरी कृति समिती द्वारा विरोध किया गया है. साथ ही चेतावनी दी गई है कि, यदि यहां पर कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने हेतु गैस शवदाहिनी स्थापित की जाती है, तो परिसरवासियों द्वारा तीव्र आंदोलन किया जायेगा.
इस संदर्भ में पूर्व पार्षद मुन्ना राठोड ने प्रेस विज्ञप्ती जारी करते हुए कहा कि, शंकर नगर की श्मशान भूमि में यदि कोविड संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है, तो यह पूरा परिसर कोरोनाग्रस्त हो सकता है. साथ ही कोरोना संक्रमित मृतकों के शवों को लाने-ले जानेवाली शववाहिकाए राजापेठ, नंदा मार्केट, गोविंद नगर, केडिया नगर, कंवर नगर, जयराम नगर, प्रमोद कालोनी, एकनाथपूरम, सुशील नगर, शिवछाया कालोनी व बालाजी नगर परिसर से होकर शंकर नगर पहुंचेगी. ऐसे में इन सभी इलाकों में कोविड संक्रमण फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. अत: स्थानीय विधायक तथा जिला व मनपा प्रशासन द्वारा लिये गये इस निर्णय को तत्काल रद्द किया जाये और कोविड संक्रमण की वजह से मृत हुए मरीजों का अंतिम संस्कार शहर से बाहर स्थित श्मशान भूमि में किया जाये. यदि ऐसा नहीं होता है, तो नागरी कृति समिती द्वारा प्रशासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जायेगा.

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फैसले का विरोध करनेवालों पर होगी कार्रवाई

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही जिलाधीश शैलेश नवाल ने अपने कक्ष में आयोजीत बैठक में अब हिंदू मोक्षधाम के अलावा शहर सहित जिले की अलग-अलग श्मशान भुमियों में कोविड संक्रमित मरीजों के मृतदेहों पर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया था. जिसके तहत उन्होंने सभी श्मशान भूमियों में इस हेतु स्वतंत्र व्यवस्था करने का निर्देश भी जारी किया था, क्योंकि सभी कोविड मृतकों के शवों का इस समय तक केवल हिंदू श्मशान भूमि में ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है. जहां पर अब साधन और जगह कम पडने लगे है. ऐसे में शहर के विलास नगर श्मशान भूमि में 2 तथा शंकर नगर श्मशान भुमि में 1 गैस शवदाहिनी स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया. उपरोक्त निर्णय लेने के साथ ही जिलाधीश शैलेश नवाल ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि, यदि किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा इस फैसले का विरोध किया जाता है, तो संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी.

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