मिट्टीमोल दाम में माल की बिक्री
अमरावती-\दि.12 गत अगस्त-सितंबर माह में हुई अतिवृष्टि के कारण संतरा बगीचों का बड़े पैमाने पर नुकसान होकर आंबिया बहार के संतरा फल बड़े पैमाने पर गल गये. इससे सवरते समय अब बाजारपेठ में संतरे को कीमत न मिलने के कारण फटका बैठा है. जिसके चलते संतरे पर किया गया खर्च भी पूरी तरह से न मिलने से संतरा उत्पादक किसानों पर संकट मंडराया है.
संतरा उत्पादकों को 40 से 50 हजार रुपए टन दर अपेक्षित रहते सिर्फ 20 से 27 हजार रुपए टन से संतरा बेचना पड़ रहा है.
तहसील में 21 हजार हेक्टर जमीन पर संतरे का क्षेत्र है. करोड़ो रुपए इस परिसर से खर्च होते हैं. जनवरी से मई तक अति तापमान के कारण तो अगस्त-सितंबर की अतिवृष्टि के कारण, वहीं कीड़े लगने से बड़े पैमाने पर आंबिया बहार के संतरे गल गये. शेष संतरों का किसानों ने जतन कर माल की प्रतवारी सुधारी. लेकिन परप्रांतीय बाजारपेठ में संतरे के दाम में गिरावट आयी. वहीं बांग्लादेश में निर्यात कर दोगुनी मात्रा में लादे जाने के कारण व्यापारियों द्वारा कम मात्रा में निर्यात शुरु है. इसका फटका सीधे किसानों को बैठ रहा है. कई व्यापारियों ने तो खरीदे गये संतरे का व्यवहार छोड़ दिया. कुछ व्यापारियों द्वारा दो से तीन लाख रुपए तक छूट भी मांगी जा रही है.