नवनिर्वाचित सांसद से संतरा उत्पदकों को अपेक्षा
वरुड/दि.8– विगत दस वर्षो में न संतरा प्रकल्प न उद्योग-धंधे आने से संतरा उत्पादक आखिर के घटक में गिने जाने लगे है. वही बेरोजगार युवक उद्योग-धंधे न होने के कारण भी हताश है. महाविकास आघाडी के राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार अमर काले ने सत्ताधारी भाजपा के रामदास तडस को तिसरी हैट्रिक से वंचित कर दिया. अब नवनिर्वाचित सांसद नागरिकों की कसौटी में उतरते है या नहीं. इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है. विदर्भ के कैलिफोर्निया के संतरा उत्पादक सहित बेरोजगारों की अपेक्षा पूर्ण होगी क्या? अब अगर संतरा प्रकल्प आएगा की नहीं ऐसी भी चर्चा नागरिकों में हो रही है.
विदर्भ के कैलिफोर्निया वरुड,मोर्शी तहसील संतरा बेल्ट के रुप में पहचाना जाता है. यहां के बहुगुणी संतरे का स्वाद देश-विदेश के नागरिकों ने चखा है. खेत उद्योग को बल देने के लिए 1957 में सहकारी तत्व पर शेंदुरजनाघाट में अमरावती फ्रुट ग्रोव्हर्स इंडस्ट्रियल को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड नाम से संतरा जूस निकालने वाली फैक्ट्री स्थापित की गई थी. बीच में 1992 में रोशनखेडा में सोपेक नाम की सहकारी तत्व पर संतरा प्रक्रिया प्रकल्प खडा किया गया. व 1995 में तत्कालीन कृषीमंत्री हर्षवर्धन देशमुख ने नोगा संतरा प्रकल्प मायवाडी (मोर्शी) में लाया. मगर तिनों ही प्रकल्प बंद पड गए. जिसके बाद सभी शासनकर्ताओं ने सिर्फ अश्वासन का विज्ञापन बांट कर फ्री हो गए. संतरा उत्पादक हताश हो गए. मगर विगत दस वर्ष में बहुमत में रहने वाली भाजपा की सत्ता केंद्र व राज्य में रहते हुए भी सत्ताधारी भाजपा के वर्धा लोकसभा के सांसद रामदास तडस रहते हुए न संतरा प्रकल्प न बेरोजगारी निर्मूलन के लिए एक भी उद्योग लाए. जिसके कारण संतरा उत्पादक का आशा व अकांक्षा पर पानी फेर दिया. मगर दस वर्ष में मतदाताओं का चेहरा बदल गया. महाविकास आघाडी के राष्ट्रवादी(शरद पवार) गुट के अमर काले को पसंद कर बहुमत से विजय की माला गले में पहनाई. ‘नवा गडी नवा राज’ आते ही दोबारा संतरा उत्पादक सहित बेरोजगार की अपेक्षा बढने से विदर्भ के कैलिफोर्निया को ‘अच्छे दिन आने की’ अपेक्षा यहां के लोगों व्दारा जताई जा रही है.