अमरावती प्रतिनिधि/दि.११ – मोर्शी तहसील संतरा उत्पादन के लिए जानी जाती है, लेकिन संतरा को भाव न मिलने से तहसील के संतरा उत्पादक किसानों की दिक्कतें बढ गई है. 50 रुपए किलो में मिलने वाला संतरा अब केवल 10 से 15 रुपए प्रति किलों में मिल रहा है. 200 रुपए कैरेट से संतरा बिक रहा है. वहीं इस बार संतरा फल गलन भी 35 से 50 फीसदी पर आ गई है.
यहां बता दें कि मोर्शी तहसील में घोडदेव, सालबर्डी, पाला, दापोरी, हिवरखेड, बेलोना, उमरखेड, भीवकुंडी, मायवाडी, भाईपुर, अंबाडा, सायवाडा क्षेत्र में बडे पैमाने पर संतरा लिया जाता है, लेकिन इस वर्ष की शुरुआत में लॉकडाउन की वजह से यातायात बंद थी. किसानों के पास बडे पैमाने पर संतरा होने पर भी संतरे को बेहतर भाव न मिलने से नुकसान सहन करना पड रहा है. इस वर्ष बेमौसम बारिश से मृग बहार का संतरा फूट जाने से संतरा उत्पादक किसानों का करोडों रुपयों का नुकसान हुआ है. इस वर्ष अंबिया बहार भी फूट गया था, लेकिन जुलाई से अगस्त माह में संतरा बगिचों में बडे पैमाने पर संतरा गलना शुरु हुआ. 35 से 50 फीसदी संतरा गलने से तहसील के संतरा उत्पादक किसान कर्ज के बोझ तले दबने की कगार पर आ गया है. इस वर्ष ज्यादा बारिश से फलों पर काले व पिले धब्बे पड जाने से बडे पैेमाने पर संतरा गलन हुआ है, वहीं बचे कुचे संतरे को भाव नहीं होने से बगीचा धारकों की दिक्कतें बढ गई है.