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संतरा उत्पादक किसान व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का तिवसा तहसील में ठिया

तहसील के किसान व कांग्रेस आक्रामक, तहसीलदार को बगीचे के गिरे संतरे दिए भेंट

* तहसील कांग्रेस कमिटी ने चक्काजाम आंदोलन की दी चेतावनी
तिवसा/दि. 29 – तिवसा तहसील के संतरा उत्पादक किसानों पिछले दो माह से लगातार बारिश और अतिवृष्टि से भारी नुकसान पहुंचा है. महायुती सरकार ने कपास, तुअर, सोयाबीन उत्पादक किसानों के कृषि माल को समाधानकारक भाव न दिया रहने से पहले से ही किसान हलाकान है. संतरा उत्पादक किसानों को हुए भारी नुकसान के बावजूद अब तक महायुती सरकार द्वारा कोई कदम न उठाए जाने से संतप्त हुए संतरा उत्पादक किसान और तिवसा तहसील कांग्रेस ने आक्रामक होते हुए तिवसा तहसील में ठिया आंदोलन करते हुए तहसीलदार को बगीचों में गिरे संतरे भेंट स्वरुप दिए और चक्काजाम आंदोलन करने की चेतावनी दी.
संतरा उत्पादक किसानों को उत्पादन शुल्क खर्च, खाद, बीज, कीटकनाशक पर रहा जीएसटी काफी महंगा पड रहा है और उनका बुआई खर्च बढ गया है. जिससे वें आर्थिक परेशानी में आ गए है. जिले के मोर्शी, वरुड, वर्धा जिले के आष्टी, आर्वी परिसर में राजस्व विभाग व कृषि विभाग के जरिए सर्वेक्षण करेगा, इसकी जानकारी है. लेकिन तहसील के संतरा उत्पादक किसानों के बगीचों के फल गिरनेबाबत के संकट का सर्वेक्षण, उस पर हो रहे रोग बाबत मार्गदर्शन करने में कृषि विभाग असमर्थ दिखाई देता है. सरकार के कृषि व फलोत्पादन मंत्रालय विभाग के जरिए महायुती सरकार के मंत्रियों द्वारा किसानों के इस संकट की तरफ तत्काल ध्यान देकर संतरा उत्पादक किसानों के हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर पंचनामा करने के बाद प्रति हेक्टर 3 लाख रुपए सहायता प्रदान करने की मांग तिवसा तहसील कांग्रेस कमिटी की तरफ से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को तिवसा के तहसीलदार के जरिए भेजे गए ज्ञापन में की गई है. तहसील के संतरा उत्पादक किसानों के नुकसान का सर्वेक्षण न होने पर और उन्हें नुकसान भरपाई न मिलने पर एक सप्ताह बाद राष्ट्रीय महामार्ग पर चक्काजाम आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है. इस अवसर पर आंदोलन में तहसील कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष वैभव वानखडे, पूर्व जि. प. सभापति दिलीपराव कालबांडे, खरीदी-बिक्री संचालक गजानन अलसपुरे, उपज मंडी के पूर्व संचालक दिलीप साव, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सेतू देशमुख, कार्यकारी शहराध्यक्ष सुनील बाखडे, गटनेता किसन मुंडाने, युवक कांग्रेस के महासचिव रितेश पांडव, पूर्व पार्षद नरेंद्र विघ्ने, मोहनराव वानखडे, प्रमोदराव वानखडे, अतुल देशमुख, पं.स. सदस्य शरद वानखडे, खरीदी-बिक्री संघ के संचालक दिलीप वानखडे, दिनेश वानखेड, धीरज ठाकरे, दिवाकर भुरभूरे, अतुल कलंबे, कमलाकर जगताप, शरद वानखडे, अशोक बडकस, हरिदास भगत, भारत ढोणे, रामदास पाटिल, शंकरराव टरके, राजकुमार ढोणे, केशव चौधरी, गजानन भोंबे, नितिन डोंगरे, शब्बीर शाह, गौरव चौधरी, दीपक चौधरी, सचिन वानखडे, अंकुश देशमुख, स्वप्नील गंधे, नितिन कलंबे, सुधीर ढोके, मंगेश राऊत, श्रीधर देशमुख, चंद्रशेखर कडू, अतुल खुले, करण उईके, पांडुरंग खेडकर, अनिकेत प्रधान, हर्षल कडू, नंदकिशोर पोलगावंडे, अमोल पन्नासे, अजय बाखडे, अभिजीत चौधरी, आशीष ताथोडे, आकाश मकेश्वर, तुषार लेवटे, ओम वानखडे, सागर वाघमारे, राज बावने, गौरव देशमुख, बबलू उईके, राज निकालजे सहित सैकडों संतरा उत्पादक किसान उपस्थित थे.

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