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सितंबर महीने से शुरू होगा संतरा व्यापार

फसले लगभग तैयार होने की कगार पर

चांंदूर बाजार/दि.5-महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में संतरा उत्पादन बडे पैमाने पर होता है. नागपुर को बतौर ऑरेंज सिटी के रूप में भी जाना जाता है. इसी तरह अमरावती जिले के चांदूरबाजार, अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर, वरुड, मोर्शी जैसी तहसीलों मे संतरा का उत्पादन होता है. चांदूरबाजार तहसील में भी बड़े स्तर पर संतरे के बगीचे मौजूद है. समूचे देश के व्यापारियों का आगमन शहर में संतरा निकलने के बाद होता है. इस साल भी आंबिया की फसल सितंबर के महीने में तोडी जा सकती है. तहसील के सिरजगांव कस्बा, ब्राह्मणवाडा थडी, तलेगांव मोहना, करजगांव, थूगांव पिंपरी, माधान, देउरवाडा, जैसे अनेकों ग्रामों के किसान बड़े स्तर पर संतरे की फसल उगाते है. चांदूर बाजार शहर में संतरे की बडी मंडी लगती है जहां बगीचों से संतरा तोड कर मंडियों मे स्टॉक किया जाता है और फिर यहां से राज्य के साथ साथ भारत के अन्य राज्यों सहित भारत के बाहर तक इसे भेजा जाता है.
छोटे-बडे व्यापारी लगे खोज में
संतरा व्यापार के लिए फसल निकलने के पूर्व ही छोटे बडे व्यापारी संतरे की बागीचों की खोज में निकल जाते है और किसानों से फसल के मुताबिक खरीदी करते है. पूरी फसल तैयार होने के बाद संतरा तोडा जाता है इसे अन्य क्षेत्रों मे भेजा जाता है. फिलहाल सभी व्यापारी संतरा बगीचों के खरीदी हेतु लग चुके है.

*रोजगार उपलब्ध होता है
संतरा व्यापार मे व्यापारियों के साथ साथ तहसील के सैकडों युवाओं को रोजगार मिलता है. लगातार 4 महीनों तक जोरों से चलने वाले इस व्यापार के चलते मजदूरी को मजदूरी और निजी वाहन चालकों को भी अच्छा खासा फायदा मिलता है.

* मध्यप्रदेश से मजदूरों को आगमन
तहसील के अनेकों बेरोजगारों के साथ साथ तहसील से सटकर रहने वाले मध्यप्रदेश के कई इलाकों से मजदूरों का शहर में आगमन होता है. जो संतरा फसल तोड़ने और वाहन में लोड करने का काम अंजाम देते है.

* छोटे व्यापारियों की संख्या में इजाफा
पिछले कुछ सालों में बडे व्यापारियों के साथ साथ छोटे व्यापारियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. छोटे व्यापारियों द्वारा छोटे मोटे बगीचे खरीदे जाते है साथ ही ए-वन संतरा छटने के बाद बचे संतरे का व्यापार इनके द्वारा किया जाता है.

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