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अचलपुर की मंडी में संतरा बेचा जाता है किलो के भाव

नकद चुकारा, गरीब किसानों को दलालो से छुटकारा

परतवाडा/दि. 13 – नैसर्गिक संकट से फसल बचाकर अथक परिश्रम से उत्पादन लेनेवाले किसानों के संतरे को अब मिट्टीमोल नहीं बल्कि मेहनत के भाव मिलनेवाले है. अचलपुर कृषि उपज मंडी के टीएमसी यार्ड में हैद्राबाद की एक कंपनी की तरफ से किलो के भाव से संतरा खरीदी होगा और ग्रेडींग के मुताबिक नकद चुकारा दिया जानेवाला है. इस कारण दलालो द्वारा होनेवाली ठगी से गरीब किसानों को छुटकारा मिलनेवाला है. इसके लिए किसानों को एक दिन पूर्व संबंधित कंपनी को अपने माल की आवक बतानी पडेगी. खुली नीलामी से देशभर के व्यापारी यह माल क्रेट से खरीदी करेगे. 100 अधिक कामगारों को इसके जरिए रोजगार मिलनेवाला है.
अचलपुर, चांदुर बाजार, अंजनगांव सुर्जी तहसील में भारी मात्रा में संतरा बगीचे है. संतरा उत्पादक किसानों को होनेवाली परेशानी को देखते हुए कृषि उपज मंडी के सभापति राजेंद्र गोरले, उपसभापति अमोल चिमोटे और संचालक मंडल ने संतरा उत्पादक किसानों के लिए इस कंपनी से करार करते हुए यार्ड पर प्रकल्प खडा किया. संतरा उत्पादक किसानों से यहां छोटे-बडे संतरे की ग्रेडींग के बाद खरीदी किए जानेवाले है. तत्काल नकद चुकारा भी दिया जाएगा. खेत में बिक्री के लिए तैयार हुए 5 से 10 क्रेट से कितने भी और छोटे-बडे किसी भी आकार के संतरे खरीदी किए जानेवाले है. कंपनी के माध्यम से किसानों के बगीचो के संतरा फल लाने के लिए क्रेट की सुविधा उपलब्ध की जानेवाली है.

* नीलामी के जरिए खरीदी
किसानों की तरफ से आए फलों की ग्रेडींग कर खुली नीलामी करते हुए व्यापारियों द्वारा भाव निश्चित किए जाने के बाद किलो के मुताबिक संपूर्ण संतरे की खरीदी की जानेवाली है.

* उपज मंडी को सेस
कंपनी के साथ हुए करार के मुताबिक संतरा बिक्री से उपज मंडी को सेस प्राप्त होगा. किराया पट्टे पर यार्ड दिए जाने से वह रकम भी मंडी को मिलनेवाली है.

* अनेक साल से किसानों को उचित भाव नहीं मिल रहे थे
अनेक साल से संतरा उत्पादक गरीब किसानों को उचित मुआवजा न मिलने से आर्थिक संकट बढ गया है. लेकिन प्रकल्प के माध्यम से आवश्यकता के मुताबिक संतरा बिक्री करने के बाद नकद पैसे मिलनेवाले है.
– राजेंद्र गोरले, सभापति, उपज मंडी, अचलपुर.

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