अमरावती

तहसील परिसर से बाहर निकलकर स्टॉल लगाने का दिया फरमान

तहसीलदार के आदेश से वेंडर हुए परेशान

*भीतर व बाहर 150 से अधिक वेंडर
अमरावती/दि.19– तहसील कार्यालय में आज उस समय हडकंप मच गया जब संजय गांधी निराधार योजना में नवनियुक्त तहसीलदार ने आदेश निकाल कर तहसील कार्यालय परिसर में अवैध तरीके से विभिन्न स्टैम्प व दस्तावेज बेचने वाले वेंडरों को बाहर निकल कर अपने स्टॉल लगाने के लिए मुनादी का आदेश दिया. बता दें कि तहसील परिसर के भीतर लगभग 25-30 वेंडर अपने स्टॉल लगाकर रोजी रोटी कमाते है. मगर आज सगांयो तहसीलदार के आदेश सुनने के बाद सभी वेंडरों में नाराजगी देखी गयी.
संजय गांधी योजना तहसीलदार के अनुसार तहसील कार्यालय के भीतर कई ऐसे अनाधिकृत वेंडर, एजंट, लेखनिक, अनाधिकृत व्यक्ति, बॉन्ड राईटर, दलाल, मध्यस्त यहां रहते हुए लोगों के काम निकालने के लिए पैसों की वसुली करते है. जिसके कारण सरकारी कार्यालय की बदनामी होती है. इसके चलते तहसीलदार(संगांयो) व्दारा आज गुरुवार की दोपहर अमरावती तहसील कार्यालय परिसर में आदेश देकर बकायदा माईक से मुनादी करायी गयी. जिसमें तहसील परिसर में बैठने वाले अनाधिकृत काम करने वाले वेंडरों, लेखनीक, दलाल आदि को बाहर जाने की हिदायत दी गयी.जिसके बाद तहसील के भीतर बैठने वाले सभी वेंडरों में नाराजगी देखी गयी.

* 150 से अधिक वेंडर
बता दें कि तहसील कार्यालय के भीतर लगभग 25 से 30 वेंडरों सहित बाहर ऐसे 150 से अधिक वेंडर 25-30 वर्षो से तहसील कार्यालय में अपने स्टॉल लगाकर अपना व परिवार का पेट पालते है. इनमें से कई वकील, सुशिक्षित बेरोजगार है जो लोगों के दस्तावेजों को भरकर उनके काम निकालवाते है. मगर आज मुनादी के पश्चात सभी को अपनी रोजी के वांदे नजर आ रहे है.

* क्या लिखा है आदेश में
तहसीलदार (संगांयो) व्दारा निकाले गये आदेश में लिखा है कि तहसीलदार संजय गांधी योजना, शहर महानगरपालिका अमरावती या कार्यालय में व कार्यालय के आवार में अनधिकृत एजन्ट, अनधिकृत लेखनिक, अनाधिकृत बॉन्ड राईटर, अनाधिकृत इसम, दलाल, मध्यस्त को बैठने की मनाही है. अगर किसी नागरिक व्दारा परिसर में दलाल, एजंट व अनाधिकृत वेंडरों व्दारा पैसा ऐठने की शिकायत पाए जाने पर उन पर कडी कार्रवाई की जाएगी.

* सिर्फ चार वेंडर ही अधिकृत
तहसील कार्यालय के भीतर अपने स्टॉल लगाने वाले वेंडरों व लेखनीकों का कहना है कि परिसर में लगभग 150 से अधिक लोग अपनी रोजी कमाते है. जिसमें से सिर्फ 4 के पास ही लाईसेंस है. 1993 से वेंडरों के लाईसेंस नहीं बनना बंद है. इसी लिए आज इतने वेंडरों के पास लाईसेंस नहीं होने से उन्हें अनाधिकृत कहा जा रहा है.

* अवैध वेंडरों का बोलबाला
तहसील कार्यालय के भीतर सिर्फ 4 वेंडरों के पास ही लाईसेंस है. कार्यालय परिसर में अनाधिकृत वेंडर, एजंट, लेखनिक, अनाधिकृत व्यक्ति, बॉन्ड राईटर, दलाल, मध्यस्त का बोलबाला है. हमने सिर्फ अवैध वेंडरों को ही हटने कहा है. लाईसेंस धारी वेंडर पर कोई पाबंदी नहीं है.
रमा जोशी (तहसीलदार, सा.गां.यो.शहरी)

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