* मंडल अधिकारी की समय सूचकता से मामला उजागर
यवतमाल/दि.25 – आदिवासियों की जमीन बेचने के लिए अप्पर जिलाधीश के बोगस हस्ताक्षर से आदेश जारी किया गया. इस आदेश के माध्यम से खेती बिक्री का प्रयास करने वाले 6 आरोपियों के खिलाफ मारेगांव पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. इस कार्रवाई से खलबली मची है. इस धोखाधडी में कुछ और लोग व अधिकारी शामिल रहने की संभावना जतायी जा रही है.
पुलिस ने जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनमें रामा बापुराव टेकाम (60, टाकलखेडा), बाजीराव बापुराव टेकाम (60, झरी), दिलीप विश्वनाथ कोडापे (51, बामनी), मच्छिंद्र वासुदेव नन्नावरे (43, शेगाव खुर्द), महेश ज्ञानेश्वर हनवटे (30, बोर्डा), ज्ञानेश्वर विठ्ठल हनवटे (62, बोर्डा) का समावेश है. मंडल अधिकारी मिलिंद भिमराव घट्टे की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 392, 419, 420, 421 अंतर्गत अपराध दर्ज किये है.
झरी तहसील के सुर्ला की 8 एकड जमीन जिस पर 4 वारिस है. वह जमीन बेचने का प्रयास किया गया. आदिवासियों की भोगवट वर्ग 2 की जमीन खरीदी-बिक्री के लिए शासन से अनुमति लेनी पडती है. लेकिन इस मामले में संबंधित जमीन का सौदा करने वाले 6 आरोपियों ने अप्पर जिलाधीश के बोगस हस्ताक्षर कर 15 जनवरी 2020 को बोगस आदेश तैयार किया. बोगस दस्तावेज जोडकर इस जमीन की बिक्री का व्यवहार किया गया. संबंधित दस्तावेज जब मंडल अधिकारी मिलिंद घट्टे के पास पहुंचे, तो उन्होंने दस्तावेजों की जांच करते ही यह जालसाजी सामने आयी. जमीन बेचने के लिए अनुमति का जो आदेश जोडा गया था, वह झूठा रहने की बात प्रकाश में आते ही उन्होंने मारेगांव पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. इसी प्रकार बोगस आदेश व दस्तावेज बनाकर किसानों की जमीन बेचने का गोरख धंधा क्षेत्र में शुरु रहने की जानकारी है.