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लोहे के जाल समेत बहेलिया शिकारियों की जांच के आदेश

कारंजा लाड में तेंदूए के शिकार के प्रयास का मामला

परतवाडा/ दि.11– कारंजा लाड वन परिक्षेत्र में जिस लोहे के जाल में तेंदुआ फंसा था वह कटनी ट्रैप व उसे संबंधित शिकारियों के बहेलिया गैंग के बारे में गहन जांच के निर्देश राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुमील लिमये ने दिये है.
कारंजा लाड वन परिक्षेत्र के ओर सातारा जिले के कराड तहसील में लोहे के जाल में फंसे तेंदूए का लिमये ने आदेश में उल्लेख किया है. लोहे का जाल बिछाकर वन्य प्राणियों के होने वाले शिकार के बारे में सतर्क रहने के निर्देश उन्होंने दिये है. इन दोनों घटनाओं में उपयोग किये गए लोहे के जाल को देखते हुए वन्यजीव का शिकार करने वाले बहेलिया शिकारियों ने फिर से इस क्षेत्र में प्रवेश तो नहीं किया, इस बात की तस्सली करने की सूचना दी है.

मोबाइल संदेश जांचेंगे
मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के सायबर सेल समेत समीपस्थ सेल ऑपरेटर से संपर्क साधकर संदेहास्पद क्षेत्र में सेल फोन का टावर से होने वाला मोबाइल संदेश जांच किया जाएगा. उसमें मध्यप्रदेश की सीम कार्ड से मोबाइल पर संदेश देने व लेने वाले है क्या, इसकी जांच की जाएगी. लोहे का जाल लगाकर होने वाले वन्यप्राणियों के शिकार के प्रयास के बारे में नजदीकी पुलिस अधिकारियों से संपर्क साधकर संपर्क करे. शिकार न होने पाये, इसका ध्यान रखे. इस बारे में कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट 17 फरवरी तक भेजने के निर्देश प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने दिये है.

कटनी ट्रैप
शिकार के लिए लोहे के ट्रैप मध्यप्रदेश के कटनी में बनाये जाते है. छोटे बडे आकार के यह कटनी ट्रैप वन व वन्यजीव विभाग के लिए नए नहीं है. मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट अंतर्गत इससे पहले बाघ समेत वन्य जीव के शिकार के लिए उपयोग किये गए है. इस समय बहेलिया गैंग के सदस्यों को पकडा था. परतवाडा वनपरिक्षेत्र अंतर्गत अचलपुर तहसील के खैरी दोनोडा गांव के पास खैरी परिसर में 25 अप्रैल 2020 में लोहे के ट्रैप में तेंदूआ फंसा था. वन अधिकारियों ने आरोपियों की खोज में छापा मारा. जिसमें एक से अधिक कटनी ट्रैप पाये गए थे.

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