अमरावती

हाईकोर्ट के मेडिकल बोर्ड स्थापन करने के आदेश

दिव्यांग पीडिता पर अत्याचार का मामला

  • अधिष्ठाताओं को नोटीस जारी

अमरावती/दि.11 – दिव्यांग अत्याचार पीडित महिला को न्याय दिलवाने के लिए तेजस जस्टीस फाउंडेशन ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है. पीडिता गर्भवती है. गर्भ निकालने के लिए वह मुआवजे के लिए पीडिता की मां विमलबाई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
इस संदर्भ में हाईकोर्ट ने मेडिकल के अधिष्ठाता को नोटीस देकर मेडिकल बोर्ड की स्थापना करने के आदेश देते हुए 12 फरवरी तक जवाब पेश करने के आदेश दिये है. गडचिरोली जिले के देसाईगंज वडसा तहसील के ग्राम तुलसी निवासी विमलाबाई यह पति व पांच लडकों के साथ रहती है. विमलाबाई का बडा बेटा, 25 व 22 वर्षीय दो लडकिया यह मतिमंद है. शेष दो लडके मजदूरी कर घर का गुजारा करते है. विमलाबाई की 25 वर्षीय लडकी गांव में घुमती थी. उस समय आशा वर्कर को पता चला कि वह गर्भवती है. पीडिता को डॉक्टर के पास जांच के लिए ले गए. तब पता चला कि पीडिता पांच महिने की गर्भवती है. अज्ञात आरोपी ने पीडिता पर अत्याचार किया है. देसाईगंज पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 अंतर्गत अपराध दर्ज किया है. इस बीच पीडिता को देसाईगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गए तब उसे मेडिकल ले जाने के लिए कहा. 8 फरवरी 2021 तक पीडिता यह 23 सप्ताह की गर्भवती है. जिससे हाईकोर्ट ने अधिष्ठाता को नोटीस देकर मेडिकल बोर्ड स्थापन करने के आदेश दिये है. याचिका में पीडिता को मुआवजे की मांग की गई है. तेजस जस्टीस फाउंडेशन की ओर से एड. राजेश नायक, एड.नितेश ग्वालवंशी, सरकार की ओर से एड.नितीन पाटील ने पक्ष रखा.

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