* एलआईसी देगी मुकदमा खर्च भी
* डॉ. मराठे की सफल पैरवी
अमरावती/दि.29- जिला उपभोक्ता मंच की अध्यक्षा सौ. सुहास उंटवाले और सदस्या श्रीमती शुभांगी कोंडे ने भारतीय जीवन बीमा निगम को बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी पॉलिसी अनुसार देय रकम देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मुकदमा खर्च के रुप में भी 10 हजार रुपए शिकायकर्ता को देने कहा गया हैं. उसी प्रकार मई 2019 से लेकर भुगतान तक 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी एलआईसी देगी, इस प्रकार का आदेश दिया हैं. इस मामले में एड. रविंद्र उल्लास मराठे ने सफल पैरवी की हैं.
वेतन से जाती थी किश्त
श्रीमती वंदना गभने के पति देवीदास ने भाजीबीनि से सेलरी सेविंग स्कीम अंतर्गत बीमा पॉलिसी ली थी. गभने की वेतन से बीमा की किश्त परस्पर एलआईसी में जमा होती थी. गभने की 3 अप्रैल 2019 को सडक दुर्घटना में मृत्यु हो गई. जिससे श्रीमती वंदना ने एलआईसी के पास बीमा राशि के लिए दावा किया. किंतु एलआईसी ने पॉलिसी की बीमा किश्त नियमित रुप से प्राप्त नहीं होने से पॉलिसी लेप्स हो जाने की जानकारी दी और बीमित राशि देने से इंकार कर दिया.
* जिला उपभोक्ता मंच में शिकायत
वंदना गभने ने एड. रविंद्र मराठे के माध्यम से जिला उपभोक्ता मंच में शिकायत की. उनकी शिकायत पर प्राथमिक तथ्य रहने से मंच ने जीवन बीमा निगम और पंचायत समिति तिवसा को नोटिस दी. बीमा निगम अपनी बात पर अडा था. ऐसे में एड.डॉ. मराठे ने युक्तिवाद किया. बीमा निगम पर गलत पद्धती से शिकायकर्ता के वैध और कानूनन दावे को ठुकराने की शिकायत की. मंच की अध्यक्षा सौ. उंटवाले और सदस्या शुभांगी कोंडे ने एड. मराठे का युक्तिवाद मान्य कर श्रीमती गभने को 4 लाख रुपए और 10 हजार रुपए मुकदमा खर्च देने के निर्देश दिए.