* क्षेत्र संचालक कार्यालय ने जारी किया पत्र
चिखलदरा/दि. 17– मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के सिपना वन्यजीव विभाग अंतर्गत आनेवाले सेमाडोह के पुनर्वसन का मुद्दा चर्चा रहते ‘अमरावती मंडल’ ने इस खबर को प्रकाशित कर शासन व प्रशासन का ध्यान केंद्रीत किया था. इस खबर के प्रकाशित होते ही प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेकर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक कार्यालय ने पुनर्वसन बाबत कार्रवाई के आदेश एक पत्र व्दारा दिए हैं.
बाघों का अधिवास क्षेत्र विस्तारित करने के लिए मेलघाट के 26 से अधिक गांवों का पुनर्वसन किया गया है. ऐसे में सेमाडोह गांव का पुनर्वसन करने के लिए 64 प्रतिशत नागरिकों ने सहभाग दिखाया. लेकिन व्याघ्र प्रकल्प की तरफ से चाहिए वैसा प्रतिसाद न मिलने से आदिवासी, पशुपालक गवली बंधुओं ने व्याघ्र प्रकल्प के अधिकारियों से अनेक बार पत्र व्यवहार भी किया. अधिकारी कार्रवाई न करने से नागरिक संतप्त हो गए थे. जंगल में रहकर पशु पालकों पर भारी मात्रा में अन्याय, अत्याचार और मामले दर्ज होने की घटनाएं घटित हो रही है. मवेशी चराने के लिए पहले 10 वनखंड रहते अब केवल 2 वनखंड दिए गए. हजारों रुपयों का जुर्माना मवेशियों पर लगाना, न देने पर उसे जब्त करने की घटना आए दिन होने लगी है. मवेशियों का पेट भरेगा तो हम जिंदगी बसर करेंगे, ऐसा पशुपालकों का कहना है. व्याघ्र प्रकल्प के इन अत्याचारों से त्रस्त होकर अब सेमाडोह के आदिवासी और पशुपालक अपने पुनर्वसन की मांग पर अडे हुए हैं.
* सभा लेकर जानकारी देने के निर्देश
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की मुख्य वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक ज्योति बनर्जी ने सिपना वन्यजीव विभाग के उपवनसंरक्षक को पत्र भेजा है. उसने सेमाडोह में सभा लेकर सेमाडोह पुनर्वसन बाबत मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की तरफ से की जाने वाली कार्रवाई बाबत जानकारी देकर वहां के लोगों के संदेह का निपटारा करने तथा सेमाडोह पुनर्वसन के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई कर रिपोर्ट कार्यालय को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.