अमरावती

विद्यार्थियों को बिना पूर्व सूचना दिए हॉस्टल छोडने के आदेश

छात्रों ने की निवासी उपजिला अधिकारी से न्याय की मांग

अमरावती/दि.18 – शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय के हॉस्टल में इन दिनों आर्थिक रुप से असक्षम 10 से 15 विद्यार्थी निवास कर रहे है. इन विद्यार्थियों ने हॉस्टल की फीस भी जमा की है. बावजूद इसके विद्यार्थियों को बिना किसी पूर्व सूचना के अब हॉस्टल छोडने की आनन-फानन में सूचना देने से अब जाये तो जाये कहां की कशमकश में फंसे विद्यार्थियों ने निवासी उपजिलाधीश डॉ. नितिन व्यवहारे से न्याय मांगा है.
बता दें कि, 16 सितंबर को शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय के छात्रावास में रहने वाले 10 से 15 छात्रोें को प्रा. डॉ. अर्चना बोबडे, नितिन चांगोले, किशोर साबले, जगताप, कडू, सुजिता साबाने, प्रभारी अधीक्षक राजीव अंबाडकर, केयर टेकर संदीप गुडदे ने छात्रावास का मुआयना कर यहां रहने वाले गरीब छात्रों से बातचीत की. किंतु कुछ समय बाद इन सभी सदस्यों ने छात्रों को 23 सितंबर से पूर्व हॉस्टल खाली करने की मौखिक सूचना दी. यहां हॉस्टल में हरने वाले अधिकांश विद्यार्थी आर्थिक रुप से कमजोर है.
उन्होंने जैसे-तैसे पैसे जुटाकर हॉस्टल की फीस जमा की है. यहां रहने वाले विद्यार्थी खुद का गुजारा करने के लिए पढाई के साथ काम भी करते है. कुछ स्पर्धा परीक्षा की तैयारी कर रह है. इन विद्यार्थियों के पास रुम का किराया देने तक के पैसे नहीं है. ऐसे में अगर सभी छात्रों को छात्रावास से बाहार निकाला गया तो कहां जायेंगे, ऐसा सवाल इन छात्रों ने उपस्थित किया है.
इन छात्रों में मुख्य रुप से अक्षय मुंडे, शार्दुल गोले, अजय चव्हाण, ईश्वर पवार, अक्षय चव्हाण, तेजस मोंढे, आशीष उहाले, मुन्ना जाधव, संकेत उप्रीकर, पवन गिरी, पवन धनकर, सौरभ कालमेघ, राजू भगत, भूषण पिंपलकर, सोहम वानखडे, रोशन पुनसे, प्रमोद वर्धे, समीर शहा, अंकुश राठौड, अभिलाष करडभुजे, सूरज पिंजकर, युवराज चव्हाण, रक्षक शेंद्रे, प्रकाश शनवारे, सत्यनारायण तांबोली का समावेश है.

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