अमरावती प्रतिनिधि/ दि.१८ – अमरावती शहर में कोरोना संसर्ग के साथ ही ‘सारी’ के मरीजों की संख्या भी पिछले एक महिने से बढती दिखाई दे रही थी. जहां एक ओर कोरोना से मरने वालों का आंकडा बढते जा रहा था तब उन मृतकों में सारी के मरीजों का भी समावेश था. इसपर सर्वप्रथम ‘दै.अमरावती मंडल’ ने प्रकाश डालते हुए यह बात प्रशासन के निदर्शन में लाकर दी थी कि शहर में केवल कोरोना का प्रादुर्भाव ही नहीं बढ रहा है बल्कि उसमें सारी के मरीजों का भी समावेश है. जिससे कल जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने आदेश जारी किये है कि बाधितों के संपर्क में आये हुए लोगों की घर घर जाकर जांच करेें और ईली व सारी के मरीज तलाशकर उनकी भी जांच करने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिये है.
विशेष बात यह कि कोरोना और सारी की बीमारी के लक्षण लगभग एक समान है. इस कारण शुुरुआती दौर में जब शहर में कोरोना के संदिग्ध मरीज मिलते थे तो उनकी आरटीपीसीआर और एन्टीजन टेस्ट रिपोर्ट आने तक संदिग्ध कोरोना व सारी के मरीजों पर एक ही वार्ड में इलाज किया जाता था. पिछले फरवरी माह में अमरावती जिले में कोरोना का संसर्ग तेजी से बढते गया. रोजाना 900 से 1000 करीब कोरोना संक्रमित मरीज पाये जाने लगे थे. उस समय कोरोना से मरने वालों की संख्या भी रोज 20 से 30 के करीब पहुंंच जाती थी, लेकिन जब ‘दै.अमरावती मंडल’ ने हिंदु स्मशान भूमि में मृतकों के रिकॉर्ड जांचे तो मरने वालों में कोरोना के साथ ही सारी के मरीजो का भी समावेश था. फरवरी महिने में सारी से लगभग 12 से 15 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसके पूरे फरवरी महिने के आंकडे ‘दै.अमरावती मंडल’ ने प्रखरता से प्रकाशित किये थे. इसे गंभीरता से लेते हुए कल जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने सारी के मरीजों की तलाश कर उनकी जांच करने के आदेश दिये है.