अमरावती

जैविक खेती किसानों का भविष्य है

डॉ. विनोद खडसे ने कहा

अमरावती-दि.24 आज से 60 से 70 साल पहले बाजार में किसी प्रकार का रासायनिक खाद या जहरीला कीटनाशक नहीं था. उस समय खेती पूरी तरह से गाय के गोबर से की जाती थी. उस समय जो अनाज और सब्जियां तथा फल पौष्टिक होते थे. किंतु आज रासायनिक खाद व जहरीले कीटकनाशक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे फसल और स्वास्थ्य जहरीला होता जा रहा है. वैज्ञानिक ज्ञान पर आधारित जैविक कृषि किसानों का भविष्य है. ऐसा डॉ. विनोद खडसे ने किसानों से कहा.
श्रम श्राफल्य फाउंडेशन द्बारा संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र धातखेड तथा प्रगति सहयोग द्बारा मंगलवार को आयोजित धातखेड में जैविक कृषि कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर डॉ. विनोद खडसे बोल रहे थे. कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. अतुल कलस्कर ने की तथा प्रमुख अतिथि के तौर पर वर्षा टापरे, अर्चना निस्ताने, कुअरसिंह मोहने, संगीता सव्वालाखे, विदर्भ बायोटेक यवतमाल, सरत रथ प्रकल्प समन्वयक, समाज प्रगति सहयोग धारणी आदि उपस्थित थे.

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