ख्वाजा रहेबर अली शाह उर्स के मौके पर खानकाहे रहेबरीया मे आयोजन
’दिन रहे रात रहे सर पर तेरा हाथ रहे’
*फनकार फैज़ान शैदा के कलाम पर झूम उठे मुरीदैन
अमरावती/दि.12– शहर सहित पुरे विदर्भ में के मशहूर सूफ़ी अब्दुल मजीद सहाब कश्फि मारुफ हज़रत ख्वाजा रहेबर अली शाह (रहमतुल्लाह अलैह) का 15वां सालाना उर्स 10 अक्टुबर से बड़ी धूम धाम से शुरू हुआ. हर साल की तरह इस साल भी उर्स के दौरान अनेक धार्मिक व सामजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम मे गुरुवार को लंगर (भंडारा) तथा शाही चादर की महफिल का आयोजन किया गया. जिसमें फनकार फैज़ान शैदा ने बस अली का ’ साथ हमको दो जहा से प्यारा है’ .. तथा ’दिन रहे रात रहे सर पर तेरा हाथ रहे’ जैसे अपने बेहतरीन कलाम पढ़कर महफिल में मौजूद मुरीदैनो की झूमने पर मजबूर कर दिया.
4 दिन तक चलने वाले जश्ने रहेबर पिया के सभी कार्यक्रमों की सरपरस्ती रहबर पिया के सज्जाद नशीन हज़रत ख्वाजा सैराब अली शाह मद्दाज़िल्लाहु आली की सरपरस्ती मे हो रहे है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए खानकाहे रहेबरीया की पंच कमेटी, दरगाह कमेटी, खुद्दाम कमेटी और तमाम खुलफा व मुरीदैन हज़रात ने प्रयासरत है.
* ख्वाजा नुरी की तकरीर
महफिल-ए-समा शुरू होने से पहले प्रोफेसर मुमताज़ोद्दिन इनामदार ( ख्वाजा नुरी अली शाह) ने हदिस की रौशनी मे तकरीर की जिसमें उन्होंने बताया कि महफिल-ए-समा सूफियों के कब से शुरू है. क्यों सुनी जाती हैं? और किस तरह महफिल ए समा सुनना जायाज़ है. इस विषय पर हदिसो और बुजुर्गों की किताबों के हवाहे से बात रखी.
* शाही चादर की महफिल में
बता दें कि उर्स के दौरान हर वर्ष विदर्भ के अचलपुर-परतवाडा, नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, अकोला, औरंगाबाद, मुंबई, यवतमाल, पुलगांव सहित अन्य राज्यों के बुर्हानपुर, रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर सहित बालाघाट से हजारों की संख्या में जायरिन तशरीफ लाकर उर्स में सवाब कमाते है.शाही चादर की महफिल में भी सैकडो जायरिनों ने उपस्थिती दर्ज करायी. तीन दिनों तक आयोजित कार्यक्रम के तहत आयोजन समिती बाहर राज्यों व जिलों से आने वाले मुरिदों व जायरिनों के लिए उचित रहने, भोजन आदि की व्यवस्था करती है.
* आज शाम समा महेफिल का आयोजन
उर्स के दौरान आज शाम खानकाहे रहेबरिया में लंगर व समा महेफिल का आयोजन किया जा रहा है. बाद नमाज इशा महेफिले समा का आयोजन किया गया है. जिसमें फनकार रौशन आजाद कव्वाल(चांदा मेटा, म.प्र.) समा महेफिल प्रस्तुत करेगें. कल सुबह कुल शरीफ व दुआ के साथ 3 दिवसीय उर्स का समापन होगा.