‘नानीबाई का मायरा’ के आयोजकों ने किया भावपूर्ण सत्कार
आयोजन के लिए दिए गये साथ व सहयोग के लिए किया आभार ज्ञापित
परतवाडा/दि.23– विगत दिनों परतवाडा में ‘नानीबाई का मायरा’ की कथा का आयोजन करवानेवाले सुनीता अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट तथा राधेश्याम बहुउद्देशीय संस्था के पदाधिकारियों ने आज राज्यमंत्री बच्चु कडू का उनके कुरलपूर्णा गांव स्थित आवास पर जाकर भावपूर्ण सत्कार किया. साथ ही उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति भेंट देते हुए इस आयोजन को सफल बनाने हेतु दिये गये साथ व सहयोग के लिए उनके प्रति आभार भी ज्ञापित किया. इस समय सुनीता अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट तथा राधेश्याम बहुउद्देशीय संस्था की ओर से अनिल चिरौंजीलाल अग्रवाल, रविसेठ अग्रवाल, प्रवीण पाटील, डॉ. दिलीप गोठवाल ने राज्यमंत्री बच्चु कडू का सम्मान व सत्कार करते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता दशाई.
बता दें कि, हाल ही में 18 से 20 अप्रैल तक परतवाडा शहर सहित जिले के इतिहास में पहली बार अंततराष्ट्रीय ख्यातीप्राप्त अध्यात्मिक प्रवक्ता व कथावाचक सुश्री जयाकिशोरीजी के मुखारविंद से ‘नानीबाई का मायरा’ की कथा का भव्य-दिव्य आयोजन सुनीता अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट व राधेश्याम बहुउद्देशीय संस्था द्वारा किया गया था. जिसके लिए चिखलदरा रोड पर नंदनवन पैलेस के सामने 60 हजार स्क्वेयर फीट का विशालकाय डोम साकार करते हुए 10 हजार भाविकों के बैठने की व्यवस्था की गई थी. जहां पर भाविकों की सुविधा के लिए भीषण कर्मी को देखते हुए ठंडी हवा व ठंडे पानी का बेहतरीन प्रबंध भी किया गया था. किंतु आयोजन से एक दिन पहले ही 17 अप्रैल की रात 9 बजे के आसपास अचलपुर के दुल्हागेट परिसर में झंडा लगाने को लेकर विवाद हुआ और जातीय तनाववाली स्थिति बन जाने के चलते अचलपुर सहित परतवाडा के साथ-साथ कांडली व देवमाली परिसर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. ऐसे में ऐन समय पर इस आयोजन को लेकर संकट के बादल मंडराने लगे. ऐसे विपरित समय में क्षेत्र के विधायक और राज्य के राज्यमंत्री बच्चु कडू संकटमोचक बनकर सामने आये. जिनके द्वारा किये गये प्रयासों के चलते कर्फ्यू एवं संचारबंदी के दौरान भी यह तीन दिवसीय आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और इस दौरान आयोजन में उपस्थित होनेवाले हजारों श्रध्दालुओं को किसी तरह की कोई तकलीफ भी नहीं हुई. जिसके चलते ‘नानीबाई का मायरा’ की कथा का आयोजन करनेवाली दोनों संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने राज्यमंत्री बच्चु कडू का उनके कुरलपूर्णा गांव स्थित निवासस्थान पर जाकर भावपूर्ण सत्कार किया. साथ ही उन्हें सांवलिया सेठ यानी भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट करते हुए इस आयोजन को सफल बनाने हेतु दिये गये साथ व सहयोग हेतु उनके प्रति आभार भी ज्ञापित किया.