अमरावतीमहाराष्ट्र

अन्यथा विद्युत उपभोक्ताओं को भरना होगा दंड

जिले में तीन माह दौरान 393 ग्राहकों के चेक हुए बाऊंस

अमरावती /दि. 1– महावितरण लघुदाब वर्गवारी वाले ग्राहकों द्वारा विद्युत बिल अदा करने हेतु दिए गए चेक के बाउंस होने का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है. जिसके चलते अब चेक बाउंस होने पर संबंधित विद्युत ग्राहक को प्रत्येक बिल पर विलंब आकार व जीएसटी पर सहित 885 रुपए का दंड अगले माह के विद्युत बिल में जोडकर दिया जा रहा है. ऐसे में चेक बाउंस होने पर संबंधित ग्राहक को दंड की रकम अदा करनी होगी, ऐसी जानकारी महावितरण प्रशासन द्वारा दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, यद्यपि इस समय महावितरण द्वारा विद्युत बिल को ऑनलाइन भरने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन इसके बावजूद परिमंडल के कई विद्युत ग्राहक प्रति माह अपने विद्युत बिलों की अदायगी धनादेश के जरिए करते है. परंतु इसमें से हर महिने करीब 200 ग्राहकों के धनादेश बैंको के अनादरित होकर वापिस आ जाते है. अमरावती जिले में नवंबर, दिसंबर व जनवरी माह के दौरान 393 ग्राहकों के चेक बाउंस होने की जानकारी सामने आई है. जिनमें अमरावती शहर के 156, ग्रामीण के 77, अचलपुर के 120 व मोर्शी के 40 धनादेशों का समावेश रहा. अनादरित हुए किसी एक धनादेश में 1 से अधिक विद्युत बिल की अदायगी का समावेश रहने पर प्रत्येक बिल के लिए दंडात्मक रकम लगाई जाएगी. साथ ही इसके बाद अगले 6 माह हेतु धनादेश के जरिए विद्युत बिल भरने की सुविधा को निलंबित किया जाएगा.
ज्ञात रहे कि, गलत तारीख, कांटछांट, गलत हस्ताक्षर, गलत नाम एवं खाते में पर्याप्त रकम नहीं रहने जैसी वजहों के चलते धनादेश अनादरित हो जाते है.

* चेक जमा होने में लगता है पांच दिन का समय
ग्राहकों द्वारा विद्युत बिल की अदायगी हेतु चेक यानी धनादेश दिए जाने के बाद उसे जमा होने में साधारण तौर पर तीन से पांच दिन का समय लगता है. यद्यपि धनादेश दिए जाने के बाद उसी दिन विद्युत बिल भरने की रसीद मिल जाती है. परंतु धनादेश की रकम महावितरण के खाते में जमा होने की तारीख अथवा चेक जमा कराए जाने के बाद तीसरे दिन विद्युत बिल के जमा होने की बात ग्राह्य मानी जाती है.

* बिल भरने हेतु ऑनलाइन पर्याय
महावितरण द्वारा विद्युत बिल भरने हेतु मोबाइल ऐप सहित अन्य ऑनलाइन पर्याय ग्राहकों को उपलब्ध कराए जाते है. साथ ही विद्युत बिल की ऑनलाइन अदायगी करने पर 0.25 फीसद तथा 500 रुपए की मर्यादा तक विद्युत बिल में छूट भी दी जाती है. इसके चलते ग्राहकों ने धनादेश की बजाए विविध ऑनलाइन पर्यायों का प्रयोग करना चाहिए, ऐसा आवाहन महावितरण द्वारा किया जाता है.

* किसी भी ऐप से भरा जा सकता है विद्युत बिल
गुगल पे व फोन पे जैसे विविध यूपीआई आईडी ऐप के जरिए ऑनलाइन पद्धति से विद्युत बिलों का भुगतान किया जा सकता है और ऐसे भुगतान को महावितरण द्वारा ग्राह्य भी माना जाता है.

 

Back to top button