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…अन्यथा हम पार्टी के खिलाफ करेंगे बगावत

अचलपुर के भाजपाईयों ने किया खुल्ला ऐलान

* पत्रवार्ता लेकर जतायी अपनी नाराजगी
* प्रवीण तायडे को टिकट दिये जाने का किया विरोध
अमरावती/दि.21- भाजपा द्वारा गत रोज राज्य की 99 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई. जिसके तहत अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व जिप सदस्य प्रवीण तायडे को पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किया गया है. जिसका विरोध करते हुए अचलपुर क्षेत्र के कई भाजपा पदाधिकारियों ने लामबंद होकर पार्टी के फैसले के खिलाफ आवाज उठानी शुरु कर दी है. इसी के तहत आज अचलपुर क्षेत्र के करीब 7 भाजपा पदाधिकारियों ने अमरावती में एक पत्रवार्ता लेते हुए पार्टी से इस फैसले पर पुनर्विचार करने हेतु कहा. अन्यथा पार्टी के खिलाफ बगावत करते हुए कोई अलग राह अपनाने की चेतावनी भी दी.
अचलपुर क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा पदाधिकारी सुधीर रसे व चांदूर बाजार नगरपालिका के पूर्व भाजपा पार्षद गोपाल तिरमारे की अगुवाई में बुलाई गई इस पत्रवार्ता में डॉ. राजेश उभाड, प्रमोदसिंह गडरेल, पूर्व जिप सभापति मनोहर सुने, नंदकिशोर वासनकर व अक्षरा लहाने भी उपस्थित थे. इस पत्रवार्ता में उपस्थित सभी लोगों ने बताया कि, वे खुद पार्टी का टिकट हासिल करने की रेस में शामिल थे और यदि उनमें से किसी को भी पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाया जाता है, तो सभी लोग बिना किसी गुटबाजी के पार्टी प्रत्याशी की जीत हेतु पूरे जी जान के साथ काम करेंगे. पत्रवार्ता में उपस्थित इन सभी भाजपा पदाधिकारियों का कहना रहा कि, वे विगत लंबे समय से पार्टी के साथ जुडे पूराने व निष्ठावान कार्यकर्ता है. परंतु उनकी अनदेखी करते हुए महज 6-7 साल पहले पार्टी में आये व्यक्ति को पार्टी द्वारा विधानसभा चुनाव लडने का मौका दिया जा रहा है, इसे पूराने व निष्ठावान कार्यकर्ताओं द्वारा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अत: पार्टी को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना ही होगा. अन्यथा इस पत्रवार्ता में उपस्थित सभी पदाधिकारियों द्वारा अपने समर्थकों को साथ लेकर पार्टी के खिलाफ कोई अलग राह अपनाई जाएगी.

इस पत्रवार्ता में खुले तौर पर आरोप लगाया गया है कि, लोकसभा चुनाव के समय विधानसभा क्षेत्र प्रभारी रहने वाले प्रवीण तायडे ने कोई भी काम नहीं किया. जिसके चलते अचलपुर क्षेत्र में पार्टी के संसदीय प्रत्याशी को नुकसान उठाना पडा था. साथ ही प्रवीण तायडे की क्षेत्र में संगठन पर कोई पकड नहीं है. जिसके चलते विधानसभा चुनाव में भी उनकी दावेदारी की वजह से इस क्षेत्र में पार्टी को नुकसान होगा. ऐसे में यदि पार्टी द्वारा अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है, तो पार्टी के असंतुष्ट गुट की ओर से सुधीर रसे, प्रमोदसिंह गडरेल या मनोहर सुने में से किसी एक के नाम पर सहमति बनाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया जाएगा.

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