जिजाऊ बैंक की स्थिति को पूर्ववत लाना हमारा लक्ष्य
जिजाऊ बैंक के चुनाव मैदान में उतरे परिवर्तन पैनल के उम्मीदवारों का कथन
* आगामी 31 दिसंबर को हो रहे है चुनाव
अमरावती/ दि.26- पिछले 23 वर्षो से जिजाऊ अर्बन को- ऑप. बैंक के निर्विरोध चुनाव होते रहे. लेकिन पिछले 5 वर्षो में बैंक का कामकाज मनमाने तरीके से चलता रहा और भारी अनियमितता इसमें दिखाई दी है. इसी कारण बैंक के कामकाज में पारदर्शिता लाने व अनुशासनबध्द तरीके से काम चलाकर बैंक की स्थिति को पूर्ववत लाने के लिए इस बार परिवर्तन आवश्यक है, ऐसा परिवर्तन पैनल के उम्मीदवारों ने ‘अमरावती मंडल’ से बातचीत करते हुए कहा. चुनाव मैदान में उतरे बैंक के पूर्वाध्यक्ष अरविंद गावंडे समेत परिवर्तन पैनल के अन्य उम्मीदवारों ने चुनाव लडने बाबत बेबाक प्रतिक्रिया दी.
परिवर्तन प्रकृति का नियम- अरविंद गावंडे
बैंक के पूर्वाध्यक्ष तथा परिवर्तन पैनल के अन्य पिछडा वर्ग निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अरविंद गावंडे ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. परिवर्तन के बगैर कामकाज सही ढंग से नहीं चलता. जिजाऊ बैंक की अनियमितता बाबत विधिमंडल में साकार मंत्री ने भी कहा है और अनियमितता की कबूली दी है. इस अनियमितता को दूर कर बैंक को 2017 की स्थिति में पूर्ववत लाना हमारा लक्ष्य है, ऐसा कहते हुए अरविंद गावंडे ने कहा कि 2017 के बाद बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई, आयुक्त कार्यालय की जांच आदि के कारण बैंक की साख (प्रतिष्ठा)कम हुई है. आज की स्थिति में बैंक का एनपीए काफी बढा है. यदि यह ऐसा ही रहा तो बैंक पर कडी कार्रवाई हो सकती है. यह सूर्यप्रकाश की तरह एक सच्चाई है. इसीलिए अब परिवर्तन जरूरी हो गया है. जो लोग यह कहते आ रहे है कि जांच में कुछ नहीं होता. यह सभी बातें निरर्थक है.
* अहंकारियों को दिखाना है घर का रास्ता- प्रकाश राउत
सर्वसाधारण निर्वाचन क्षेत्र के परिवर्तन पैनल के उम्मीदवार प्रकाश राउत ने कहा कि देश के राजनीतिक इतिहास पर हमने नजर डाली तो पता चलता है कि अब तक अनेक उथल-पुथल हुई है. सरकार अथवा शासन सत्ता ेके अहंकार में डूब जाता है, तब लोगों ने उन्हें घर का रास्ता दिखाया है. जिजाऊ बैंक की स्थिति भी वैसी है. 20 वर्षो से ज्यादा समय तक बैंक की सत्ता हाथ में रहने के बाद भी वर्तमान संचालक मंडल ने बैंक को सही तरीके से नहीं संभाला है. पिछले 6 सालों से बैंक में अनेक अनियमितता के मामले नजर आ रहे है. लेकिन फिर भी सत्ता छोडने अथवा दूसरों के हाथ में सत्ता देने का विचार उनके मन में नहीं हैं. इसीलिए बैंक के 6 हजार से अधिक सभासदों ने बैंक में परिवर्तन का निर्धार किया है. इसीलिए आनेवाले समय में बैंक में परिवर्तन होना अटल है.
* नियमों के उल्लंघन बावजूद पछतावा नहीं – किरणताई महल्ले
जिजाऊ बैंक के चुनाव लोकतांत्रिक परंपरा से होने जा रहे है. चुनाव होना ही चाहिए. बैंक के वर्तमान संचालकों ने काफी मनमानी की है. नियमों का उल्लंघन करने के बावजूद उन्हेें किसी बात का पछतावा नहीं है. हम जो कहे वही कानून है, इस तरीके की उनकी तानाशाही चल रही है. संचालक मंडल और बैंक केे कर्मचारियों में दो गुट हो गए है. जिस यूनिट में ऐसी स्थिति निर्माण हो वहां अनियमिता की संभावना बनी रहती है. पिछले तीन साल से चलती आ रही गुट बाजी और बिगडे वातावरण के चलते इस बार परिवर्तन लाने के लिए और लोगों का विश्वास कायम रखने के लिए यह चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में परिवर्तन पैनल के उम्मीदवार बैंक को पूर्ववत लाने का लक्ष्य लिए हुए है. बैंक में पारदर्शिता लाना और सभी को एकजुट करना जरूरी हो गया है. कर्मचारियों में यूनिट के प्रति आस्था और अनुशासन लाना भी जरूरी है, ऐसा परिवर्तन पैनल की उम्मीदवार किरणताई महल्ले ने कहा.
* बैंक की शाखाओं को बढाना हमारा लक्ष्य- अनिल टाले
परिवर्तन पैनल के सर्वसाधारण निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार अनिल अनंतराव टाले ने कहा कि वे 2011 से 2017 तक जिजाऊ बैंक के उपाध्यक्ष थे. उसके बाद चुनाव न होने के लिए उन्होंने विड्रॉल किया था. बैंक की यह परंपरा वर्षो से चली आ रही थी. लेकिन पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल में मनमाना कामकाज चलता रहा और पारदर्शिता नहीं रही. जिस तरह 2017 में हम चुनाव मैदान से हट गये थे और चुनाव नहीं होने दिए थे. उसी तरह इस बार हमने वर्तमान संचालकों से कहा, लेकिन वे पीछे नहीं हटे. इस कारण यह चुनाव हो रहे है. अब परिवर्तन करना आवश्यक हो गया है. पिछले 5 साल में बैंक का ग्रोथ रेट काफी कम रहा है. 2017 से कोई भी बैंक की शाखा बढी नहीं है. वर्तमान में बैंक की 11 शाखाएं है. उसे 5 वर्ष में बढाकर 22 शाखा करना हमारा लक्ष्य है और बैंक का आर्थिक कामकाज 1 हजार करोड तक पहुंचाने का हमारा प्रयास रहेगा. इसीलिए परिवर्तन पैनल के माध्यम से हम चुनाव मैदान में उतरे है.
* बैंक की अस्मिता कायम रख विस्तार करने का मकसद- अश्विन चौधरी
जिजाऊ बैंक के सर्वसाधारण निर्वाचन क्षेत्र से परिवर्तन पैनल के उम्मीदवार अश्विन चौधरी ने कहा कि बैंक की स्थापना हुई तब से वे सदस्य है. बैंक में पिछले 23 साल में कभी संचालक पद के लिए चुनाव नहीं हुए. लेकिन वर्तमान संचालक मंडल द्बारा काम व्यवस्थित न किए जाने से बैंक का कामकाज और परिस्थिति लडखडाई है. वर्तमान संचालक मंडल बैंक की प्रतिमा मलिन करने का प्रयास कर रहा है. इसी कारण बैंक के अस्तित्व को खतरा निर्माण हुआ है. इसी कारण बैंक का अस्तित्व व अस्मिता कायम रखने तथा जिजाऊ बैंक का विस्तार करने के मकसद से हम परिवर्तन पैनल क माध्यम से 15 संचालक निर्वाचित करने कटिबध्द है. हमें विश्वास है कि इस परिवर्तन लहर में हम निश्चित रूप से सफल होगे और हमारे संचालक चुनाव में निर्वाचित होंगे.