अमरावती

विदर्भ की शान है हमारी अमरावती

अमरावती/दि. २९– अमरावती यह महाराष्ट्र की सुसंस्कृत व विभागीय आयुक्तालय का जिला इस जिले को अपनी स्वयं की पहचान है. डॉ. पंजाबराव देशमुख, संत गाडगे महाराज, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज जैसे विद्वानों की अमरावती यह मातृभूमि है. महाराष्ट्र के विदर्भ में अमरावती यह जिला सर्वव्यापक है. इसकी पहचान अंबानगरी के रूप में है. प्राचीन काल का इतिहास इस जिले में है. भगवान श्रीकृष्ण ने रूख्मिणी को इसी नगरी से भगाकर उसके साथ विवाह किया था, ऐसा कहा जाता है. अमरावती का पुराना नाम ‘उदंब्रावती’ है. आगे इसका नाम बदलकर ‘उम्ब्रवती’ और उसके बाद अमरावती हुआ. अमरावती का नाम यहां पर प्राचीन अंबादेवी मंदिर के कारण अमरावती पडा है. अंबा-एकवीरा देवी के दर्शन महाराष्ट्र के भक्त व पर्यटको के लिए लाभदायक है.
परंतु २१ वीं सदी में बाहर से आए लोगों ने अमरावती में धार्मिक विवाद निर्माण कर द्वेष दंगे किए है. जिसमें अमरावतीवासियों का कोई लेन देन नहीं है. ऐसे लोगों ने केवल अमरावती की बदनामी की और विकास के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया. पर सच्चा अमरावतीवासी अमरावती की पहचान जैसी थी वैसी ही कायम रखेगा.

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